अगर किसी की आर्थिक हालत ठीक नहीं हो और वो पढ़ाई नहीं कर सके तो भी वो शिखर तक पहुंच सकता है. इस बात को सच साबित किया है मुंबई के रहने वाले नारायण पुजारी ने, जिन्होंने मुश्किल दौर से गुजकर सफलता को हासिल किया. आइए जानते हैं कौन हैं नारायण तिवारी और क्या है उनकी सफलता की कहानी...
नारायण तिवारी ने 13 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी और मुंबई आ गए थे. उन्होंने मुंबई आने के बाद एक रिश्तेदार की मदद से एक ऑफिस में वैटर की नौकरी हासिल की, जहां उन्हें 40 रुपये सैलरी मिलती थी.
वैसे नारायण तिवारी कर्नाटक के रहने वाले हैं और वो शुरू से मुंबई की तरफ आकर्षित थे.
रिपोर्ट्स के अनुसार वो नौकरी के साथ स्कूल की पढ़ाई भी करते थे और बाद में उन्होंने वेटर रहते हुए नौकरी भी बदली और बाद में खुद ने एक कैंटीन खोली.
उसके बाद 1990 में बागुभाई पटेल नाम के एक व्यक्ति ने नारायण को अपनी आइसक्रीम की दुकान चलाने के लिए बुलाया. बाद में उन्होंने बागुभाई के साथ काम किया और धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे.
इसके बाद उन्होंने चर्चगेट में एक शाखा खोलने का फैसला किया. इससे पहले सालाना कारोबार सिर्फ 3 लाख था, लेकिन नारायण ने कारोबार को संभाला लेकिन सिर्फ एक साल में 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
नारायण पुजारी कारोबार में ऊंचाइयां छूने के बाद भी एक दिन में कई घंटे काम करते हैं.
उसके बाद उन्होंने शिवसागर का कुछ हिस्सा खरीद लिया और शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ व्यापार को आगे बढ़ाने का काम किया. लगातार व्यापार आगे बढ़ाते हुए उन्होंने शिवसागर को मुंबई में सबसे प्रसिद्ध रेस्टोरेंट बना दिया.
बताया जाता है कि अब इस शिवसागर का 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर है.
नारायण की दो बेटियां हैं निकिता और अंकिता. जो अब सांताक्रूज में रहती हैं.