एक मॉक इंटरव्यू में उनसे इंटरव्यूअर ने पूछा कि वेदांत-इस्लाम की तुलना करें तो समता के बिंदु क्या हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि शंकराचार्य ने व्यवहारिक रूप से जगत को माना है. वेदांत एक ब्रह्म को मानता है, अगर तुलना करें तो इस्लाम भी एक ईश्वर की अवधारणा को मानता है. लेकिन प्रैक्टिकल तौर पर वेदांत में ईश्वर सगुण साकार है लेकिन इस्लाम कुछ और मानता है.
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