UPSC की तैयारी में एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं. लेकिन क्लीयर सिर्फ वही कर पाते हैं, जिनकी तैयारी खास होती है. महाराष्ट्र के सुयश चवान ने कुछ ऐसी ही खास तैयारी से एक साल की तैयारी में पहली बार में यूपीएससी क्लीयर करके साल 2018 में 56वीं रैंक पाई. वर्तमान में वो इंडियन फॉरेन सर्विस में हैं. आइए जानें किस यूनीक स्ट्रेटजी और आइडिया से सुयश ने सफलता पाई, जानें-उनका सफर.
Suyash chavan IFS नाम से अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने डॉक्टर से IFS बनने की अपनी पूरी जर्नी साझा की है. सुयश मूल रूप से महाराष्ट्र के मराठवाड़ा रीजन में बसे शहर नांदेड़ के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई यहीं से पूरी की.
उन्होंने जीएमसी औरंगाबाद से MBBS की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वो एमडी करने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज आ गए. यहीं पर उनके दिमाग में सिविल सर्विस क्लीयर करने की धुन सवार हुई और साल 2016 में तैयारी में जुट गए.
सुयश बताते हैं कि उन्होंने लाजपत नगर के कमरे में तैयारी शुरू की. हर वक्त किताबों और पढ़ाई में घिरे रहने के दौरान एक बार यूपीएससी तैयारी छोड़ने का भी ख्याल आया, लेकिन दोस्तों ने हिम्मत बंधाई तो फिर से जुट गया.
सुयश उन किस्मतवालों में से एक हैं जिनका पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी क्लीयर हो गया. वो बताते हैं कि मैंने 2016 में तैयारी शुरू की थी और 2017 में पहली बार यूपीएसी प्रीलिम्स की परीक्षा दी. मेरा पहली ही बार में मेन्स में भी हो गया. आखिर में इंटरव्यू के बाद फाइनल लिस्ट में मेरा नाम था.
सुयश को जब उनके दोस्त रितेश ने फोन करके बताया कि उनकी यूपीएससी में 56वीं रैंक आई है तो एकबारगी उन्हें यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन फिर जब उन्होंने लिस्ट चेक की तो अपना नाम देखकर चकित रह गए. घर में मां को फोन करके बताया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था.
सुयश अपनी स्ट्रेटजी के बारे में बताते हैं कि मैंने हमेशा रिवर्स स्ट्रेटजी अपनाकर ये तैयारी की. जैसे जब मैं मेन्स लिख रहा था तो मुझे पता था कि कब कौन सा विषय फिर से रिवाइज करना है. क्योंकि यूपीएससी में सबसे ज्यादा प्लानिंग अपने टाइम को लेकर करनी होती है.
आधे नंबर की कीमत जानें
सुयश कहते हैं कि जरूरी है कि हम अपने आधे अंक की कीमत जानें. जैसे मेरे रैंक की तुलना अगर मेरे लास्ट वाले से करें या जिसका नहीं हो सका है उससे करें तो ये डिफरेंस 60 मार्क्स के करीब था. इसके पीछे उसी आधे नंबर की तैयारी जिम्मेदार होती है.
आधे नंबर की तैयारी के बारे में वो विस्तार से इस तरह बताते हैं. यूपीएससी में 7 पेपर होते हैं, और हर पेपर में 20 सवाल होते हैं. अगर हर 20 में हम आधे नंबर ज्यादा लाने की कोशिश करें तो एक पेपर में दस और सात पेपर में 70 नंबर ला सकते हैं. इसलिए मेरा लक्ष्य वही आधा नंबर रहा जो मुझे औरों से अलग बनाता है.
सुयश यूपीएससी की तैयारी में सही किताबों का चयन और अपने सिलेबस के बारे में पूरी जानकारी रखने को भी महत्वपूर्ण मानते हैं. वो कहते हैं कि अगर आप गाइडेड स्टडी करें तो यूपीएससी को आसानी से क्लीयर कर सकते हैं. इसके लिए बहुत ज्यादा समय नहीं बल्कि स्मार्ट स्टडी ज्यादा जरूरी होती है.
(सभी फोटो Instagram से ली गई हैं)