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सेना में स्थायी कमीशन क्या है? अब महिला अफसरों को मिलेगी बराबरी

सेना में स्थायी कमीशन क्या है? अब महिला अफसरों को मिलेगी बराबरी
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अब भारतीय सेना में भी बेटियों को उनका हक और समान अवसर देने की ओर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए सरकार ने सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा की. रक्षा मंत्रालय के आदेश के अनुसार अब शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की महिला अधिकारियों को सेना की सभी दस शाखाओं में स्थायी कमीशन मिलेंगे. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला, क्या है सेना में स्थायी कमीशन, इसका महिला अफसरों को क्या फायदा मिलेगा.
सेना में स्थायी कमीशन क्या है? अब महिला अफसरों को मिलेगी बराबरी
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सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में एक ऐतिहासिक फैसले में SSC यानी शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत नियुक्त सभी महिला अफसरों के लिए स्थायी कमीशन के लिए कहा था. अब महिला अधिकारियों को आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एवियेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मेकैनिकल इंजीनियर (ईएमई), आर्मी सर्विस कोर, आर्मी आयुध कोर और इंटेलिजेंस कोर के अलावा मौजूदा शाखा जज एंड एडवोकेट जनरल और सैन्य शिक्षा कोर में स्थायी कमीशन मिलेगा.
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इन विभागों में में मिलेगा स्थायी कमीशन

न्यायाधीश एडवोकेट जनरल
आर्मी एयर डिफेंस
इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर
आर्मी सर्विस कॉर्प्स
आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर
सेना शिक्षा कोर, सिग्नल
इंजीनियर
आर्मी एविएशन

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ये है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने 7 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार को एक माह का वक्त दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सरकार स्थायी कमीशन पर फरवरी का फैसला लागू करे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि महिलाओं को भी कमान देने पर विचार किया जाना चाहिए. कोर्ट ने टिप्पणी में ये भी कहा था कि लैंगिक भेदभाव खत्म करके सभी महिला अधिकारी स्थायी कमीशन की हकदार हैं.
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क्या है सेना में स्थायी कमीशन का मतलब

बता दें कि इस आदेश से पहले सेना और नेवी में महिलाएं पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन के अंतर्गत नियुक्त होकर ही काम करती थीं. उन्हें पुरुष अफसरों की तरह स्थायी कमीशन के लिए आवेदन का मौका मिल सकेगा. स्थायी कमिशन का सेना में ये अर्थ है कि इस कमीशन के तहत कोई अफसर रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकता है और इसके बाद वह पेंशन का भी हकदार होगा.
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ऐसे मिलेगी बराबरी

- अब महिला सैन्य अधिकारी भी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं.

- अगर वे चाहें तो पहले भी नौकरी से इस्तीफा दे सकती हैं.

- महिला अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा.

स्थायी कमीशन के बाद महिला अधिकारी पेंशन की भी हकदार हो जाएंगी

इससे सेना में महिला अफसरों की संख्या भी बढ़ेगी




सेना में स्थायी कमीशन क्या है? अब महिला अफसरों को मिलेगी बराबरी
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यहां नहीं मिलेगा स्थायी कमीशन

महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन का रास्ता तो साफ हो गया, लेकिन अब भी तकनीकी कारणों से उन्हें युद्ध अभियानों में स्थायी नियुक्ति नहीं मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने भी युद्ध अभियानों में भेजने के फैसले को अपने आदेश से अलग रखा था.
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शॉर्ट सर्विस कमीशन

भारतीय सैन्य सेवा में महिला अधिकारियों की शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भर्ती की जाती है. इसके बाद ये अफसर 14 साल तक सेना में नौकरी कर सकती हैं. फ‍िर 20 साल तक नौकरी न कर पाने के कारण रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन भी नहीं दी जाती है.
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इसलिए बना था शॉर्ट सर्विस कमिशन

शॉर्ट सर्विस कमिशन को लाने का उद्देश्य सेना में अधिकारियों की कमी को पूरा करना था. इसके तहत सेना में पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही शामिल किया जाता था. लेकिन स्थायी कमीशन के लिए सिर्फ पुरुष अध‍िकारी ही आवेदन कर सकते थे.

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नहीं मिलती थी पेंशन

सेना के नियमों के अनुसार पेंशन पाने के लिए कम से कम 20 साल की सेवाएं देना जरूरी है. लेकिन शॉर्ट सर्विस कमीशन से आए अफसर सिर्फ 14 साल काम करते हैं तो उन्हें पेंशन की सुविधा नहीं मिलती. पुरुष अध‍िकारी स्थायी कमीशन के लिए आवेदन करके पेंशन के भी हकदार हो जाते थे लेकिन महिला अफसरों के साथ एडवोकेट जनरल और श‍िक्षा कोर छोड़कर ऐसी सुविधा पहले नहीं थी.
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