ओवैसी के मंच से एंटी सीएए-एनआरसी रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली छात्रा अमूल्या को गुरुवार को जमानत मिल गई. 19 वर्षीय अमूल्या लिओना नोरोन्हा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. बता दें कि फरवरी में "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाने पर अमूल्या को देशद्रोह का मुकदमा लगाकर गिरफ्तार किया गया था. अब कोर्ट ने राज्य की ओर से निर्धारित समय अवधि के भीतर चार्जशीट दाखिल न कर पाने के कारण अमूल्या को डिफॉल्ट जमानत दे दी है. आइए जानते हैं कौन है अमूल्या?
फरवरी में बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एंटी CAA रैली का आयोजन किया गया
था. रैली में AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे. तभी मंच पर
एक लड़की आई और 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने लगी. सभी ये सुनकर
हैरान रह गए. इसके बाद ये लड़की विवादों में घिर गई. पाकिस्तान
समर्थित नारे लगाने वाली इस लड़की पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था.
बता दें कि अमूल्या लियोना बेंगलुरु के NMKRV कॉलेज से पत्रकारिता में बीए कर रही है. वो सीएए प्रोटेस्ट में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थी और अपना विरोध जताने के लिए वो ओवैसी के मंच पर भी पहुंची थी.
19 साल की अमूल्या कर्नाटक के चिक्कमंगलुरु की रहने वाली है. बेंगलुरु के
फ्रीडम पार्क की घटना के बाद से वो चर्चा में आ गई. अमूल्या ने वहां चल रही CAA-NRC विरोधी रैली में जैसे ही AIMIM के अध्यक्ष
असदुद्दीन ओवैसी मंच से उतरने लगे, अमूल्या ने माइक पकड़ा और पाकिस्तान
समर्थन के नारे लगाने लगी. जिसके बाद सबसे पहले ओवैसी ने लड़की को रोकने की
कोशिश की, फिर पार्टी कार्यकर्ताओं ने लड़की से माइक छीन लिया.
अमूल्या लियोना की आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद
हिंदू जनजागृति समिति और श्रीराम सेना के लोगों ने प्रोटेस्ट किया और
अमूल्या के घर में तोड़फोड़ की गई. घर पर पत्थर भी फेंके गए. इस बात की
जानकारी अमूल्या के पिता वाजी ने दी. उस समय उनके पिता घर पर मौजूद थे.
आपको बता दें, अमूल्या ने बेंगलुरु में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के
विरोध में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए थे, जिसके बाद उस पर राजद्रोह का
आरोप लगाया गया. कोर्ट ने अमूल्या लियोना को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
में भेज दिया था.
अमूल्या के पिता दो एकड़ के एरेका बागान के मालिक हैं और एक पॉल्ट्री फार्म
चलाते हैं. उन्होंने अपनी बेटी के दिए गए बयान की निंदा की है. साथ ही
उन्होंने कहा था कि वह उसकी जमानत पाने के लिए कोई प्रयास नहीं करेंगे. कानून
को अपना फैसला लेना चाहिए.
अमूल्या के पिताजी ने उस दौरान मीडिया से कहा था कि बेटी को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने
से पहले आगाह किया था. मैंने उससे कहा कि वह पहले पढ़ाई पूरी करे और बाद
में वह गरीब लोगों के लिए लड़ सकेगी. लेकिन उसने जो कहा वह स्वीकार्य
नहीं है. मुझे नहीं पता कि उसने क्या किया है. मुझे उम्मीद है कि जांच
रिपोर्ट से जल्द सामने आएगा कि किसने उसे ऐसे बयान देने के लिए प्रेरित
किया.
अमूल्या के पिता चिक्कमंगलुरु में जेडीएस के नेता हैं. उन्होंने उसी वक्त मीडिया से कहा था कि बेटी के बयान से उनका कोई लेना देना नहीं है. अमूल्या कुछ मुस्लिम लोगों से प्रभावित थी. मैं दिल का
मरीज हूं. मैंने उसे घर आने को कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया.