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एजुकेशन

मुंबई हमले में गई थी YES बैंक के प्रमोटर की जान, मौत के बाद बढ़ता गया संकट

मुंबई हमले में गई थी YES बैंक के प्रमोटर की जान, मौत के बाद बढ़ता गया संकट
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आज संकट के दौर से गुजर रहे यस बैंक ने कभी मुंबई में जोरदार एंट्री करके सबको चौंका दिया था. ये बैंक कभी औसत से ज्यादा ब्याज देने के लिए जाना जाता था. बैंकों की दुनिया में चमकता सितारा कैसे संकट के बादलों में घ‍िरा, इसका जवाब खोजेंगे तो 26/11 मुंबई हमलों का जिक्र एक बार जरूर याद करना होगा. आइए जानें- यस बैक से इस हमले का क्या कनेक्शन है.
मुंबई हमले में गई थी YES बैंक के प्रमोटर की जान, मौत के बाद बढ़ता गया संकट
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बता दें कि साल 2004 में  ये बैंक आर्थिक राजधानी मुंबई में एक निजी बैंक के तौर पर सुर्खियों में आया. युवा पीढ़ी को इसके नाम 'Yes' ने भी खूब आकर्ष‍ित किया. देखते ही देखते Yes बैंक एक जाना पहचाना नाम बन गया.
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देश के चर्चित निजी बैंकों में शुमार यस बैंक आज संकट के दौर से गुजर रहा है. बता दें कि गुरुवार 5 मार्च को यस बैंक पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की है.
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इस नये नियम के अनुसार बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकालने की सीमा तय कर दी गई है. यानी ग्राहक अपने सेविंग्स, करंट और अन्य अकाउंट से एक महीने में खाते से सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकेंगे.
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यस बैंक के बोर्ड को भी आरबीआई ने भंग कर दिया है. बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है. महज 16 साल में ही बैंक के इस हाल में पहुंचने के पीछे कई कारक तलाशे जा रहे हैं. इसमें से एक बैंक के प्रमोटर अशोक कपूर की मौत को भी माना जा रहा है.
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बता दें कि साल 2004 में तीन दोस्तों राणा कपूर, अशोक कपूर और हरकीरत सिंह ने पार्टनर के तौर पर की थी. 200 करोड़ रुपये की पूंजी से इस बैंक की नींव रखी गई. ये बैंक खुलते ही सफलता की ऊंचाई छूने लगा.
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ये बैंक स्थापित करने के चार साल बाद की बात है. बैंक के प्रमोटर अशोक कपूर अपनी पत्नी मधु के साथ डिनर करने दक्षिण मुंबई के ट्राईडेंट होटल के प्रमुख रेस्तरां कांधार में बैठे थे. ये घटना 26 नवंबर 2008 की है.
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वे दोनों जब खाना खा रहे थे उसी वक्त हथियारों से लैस आतंकवादी रेस्तरां में घुस आए और उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. ये देश पर 26/11 का मुंबई हमला था. उस घटना में उनकी पत्नी किसी तरह किस्मत से होटल से बाहर निकलने में कामयाब रहीं.
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फिर दो दिन बाद उन्हें पता चला कि उस होटल में गए दर्जनों लोगों के साथ उनके पति भी मारे गए. अशोक के जाने के बाद बढ़ा विवाद यस बैंक के दो प्रमोटर परिवारों के बीच स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति को लेकर झगड़ा हुआ. इसी पारिवारिक कलह और बाजार के दूसरे कारकों ने यस बैंक को अर्श से फर्श पर ला दिया.
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