CBSE 10th Result Policy: सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए जो पॉलिसी अपनाई है, उसमें सात स्कूल टीचर्स के साथ प्रिंसिपल को शामिल करते हुए एक रिजल्ट कमेटी बनाने की भी बात कही है, जानिए वो कमेटी कैसे बनेगी और रिजल्ट तैयार करने में इसका क्या रोल होगा?
नई एग्जाम पॉलिसी के तहत हर स्कूल को एक रिजल्ट कमेटी बनानी होगी. इस कमेटी में प्रिंसिपल के अलावा सात टीचर्स होंगे जो कि रिजल्ट को फाइनल रूप देंगे. इन टीचर्स में पांच उसी स्कूल से होंगे. ये पांच टीचर गणित, सोशल साइंस, साइंस और दो लैंग्वेज के होंगे. इसके अलावा कमेटी में दो टीचर्स पास के किसी अन्य स्कूल के होंगे जिन्हें स्कूल कमेटी के एक्सटर्नल मेंबर के तौर पर शामिल करेगा.
सीबीएसई की ओर से जारी पॉलिसी के एनेक्शचर वन में दिया गया है कि ये कमेटी किस तरह तैयार होगी. इस कमेटी का नाम रिजल्ट कमेटी होगा जिसके चेयरपर्सन स्कूल के प्रिंसिपल होंगे. इसके बाद जो पांच टीचर्स चुने जाएंगे वो ऐसे होंगे जो छात्रों के एकेडेमिक परफॉर्मेंस से भलीभांति परिचित हों, अर्थात जिन्होंने इन बच्चों को पढ़ाया है और उनके संपर्क में रहे हैं.
इसके अलावा जो दो टीचर कमेटी में बाहर से जोड़े जाएंगे, उनके बारे में यह सुनिश्चित किया जाए कि वो रिजल्ट के बारे में ईमानदारी से असेसमेंट करेंगे. ये टीचर भी सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल से होने चाहिए जो कि क्लास 10 को ही पढ़ाते रहे हों. लेकिन साथ ही ये भी याद रखना है कि कोई टीचर जो एक स्कूल की रिजल्ट कमेटी में है वो दूसरे स्कूल की कमेटी में शामिल नहीं होगा. दोनों स्कूल परस्पर यह सुनिश्चित जरूर कर लें. यही नहीं ये दो स्कूल एक ही मैनेजमेंट के नहीं होने चाहिए.
इसके अलावा टीचर्स ऐसे स्कूल से भी नहीं होने चाहिए जहां प्रिंसिपल मैनेजमेंट या स्कूल कमेटी के भी सदस्य हैं. या ऐसा कोई ऐसा सरोकार है जिससे वो रिजल्ट पर किसी तरह का प्रभाव डाल सकें. बोर्ड ने ये भी कहा है कि किसी टीचर का बच्चा यदि उसी स्कूल में है तो उसे उस स्कूल की कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा, बोर्ड ने यह भी कहा है कि सीबीएसई स्वयं भी कमेटी के एक्सर्टनल मेंबर अपॉइंट कर सकती है.
ये होगा कमेटी का रोल
इस कमेटी की पहली जिम्मेदारी महामारी काल में दसवीं का निष्पक्ष और भेदभाव रहित रिजल्ट तैयार करना है. कमेटी के सभी सदस्यों को पॉलिसी की बारीक जानकारी होना जरूरी है. इसके अलावा वो आपस में बातचीत करके इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखते हों.
एक कमेटी किसी भी शंका की स्थिति में दूसरी से चर्चा कर सकती है. यही नहीं कमेटी सभी तरह की प्रक्रिया को पूरी तरह कॉन्फिडेंशियल भी रखेगी. कमेटी के चेयरपर्सन सभी जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, असिस्टेंट और सही डेटा अपलोड करने में मदद करेंगे. कमेटी के दो बाहरी सदस्य एक तरह से पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव की भूमिका में होंगे जो कि ये सुनिश्चित करेंगे कि रिजल्ट निष्पक्ष तरीके से तैयार किया गया है या नहीं.
कमेटी के बाहरी सदस्य भी रिजल्ट कमेटी की सभी तरह की चर्चा और गतिविधियों में सभी कमेटी मेंबर के साथ बराबर साझेदारी करेंगे. अगर कहा जाए तो सही मायने में कमेटी की पूरी जिम्मेदारी है कि वो निष्पक्ष और भेदभाव रहित रिजल्ट तैयार करें. उन्हें एकेडमिक और कानूनी दायरे में सभी तरह के निर्णय लेने की शक्ति भी दी गई है.