scorecardresearch
 

CBSE ने 12 जून तक टाला NEET का रिजल्ट

CBSE NEET 2017 के परिणाम अब 8 जून को नहीं आएंगे. बल्क‍ि इसे 12 तारीख तक टाल दिया गया है. जानिये क्यों टाल दिया गया नीट परीक्षा का रिजल्ट और कब आएगा रिजल्ट...

Advertisement
X
CBSE NEET result 2017
CBSE NEET result 2017

Advertisement

CBSE NEET 2017 परीक्षा पर एक के बाद एक विवाद जारी है. नीट परीक्षा में नकल रोकने के लिए जहां एक ओर सख्ती बरतने के नाम पर लड़कियों से अंडरगार्मेंट तक उतारवाए गए, वहीं अलग-अलग भाषाओं में एग्जाम पेपर के सवालों में भी अंतर पाए गए. अब खबर है कि NEET का रिजल्ट 8 जून को नहीं आएगा. CBSE ने इसे 12 जून तक टाल दिया है.

मोदी सरकार की नई पहल, घर बैठे पूरी करें स्‍कूल से लेकर हायर एजुकेशन

CBSE ने यह कदम मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दिए गए स्‍टे के बाद उठाया है. CBSE ने कहा है कि वह मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी और 12 जून तक रिजल्ट की घोषणा नहीं करेगी. 13 जून को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद ही सीबीएसई रिजल्ट जारी करने की तारीख तय होगी.

Advertisement

सरकार ने बैन किए 32 निजी मेडिकल कॉलेज, 2 साल नहीं होंगे एडमिशन

वहीं सीबीएसई ने यह भी साफ कर दिया कि वह मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नहीं जाएगी. बता दें कि NEET परीक्षा देश के मेडिकल, डेंटल, आयुष और वेटरिनेरी कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है.

दरअसल यह पूरा मामला स्थानीय भाषाओं में अलग पेपर के मामले को लेकर है, जिसके लिए गुजरात हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई थी. दिनभर की सुनवाई के बाद आखिर एक बार फिर नीट का परिणाम एक सप्ताह और टल गया. गुजराती मीडियम के छात्रों ने गुजरात हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी कि उनका पेपर अंग्रेजी मीडियम के छात्रों से अलग और मुश्किल था और उनके साथ नाइंसाफी हुई है.

योगी सरकार का नया आदेश, UP Board में चलेंगी सिर्फ NCERT किताबें

इसे लेकर नीट की परीक्षा रद्द करने या समानता का कोई फॉर्मूला निकालने के लिए गुजराती मीडियम के छात्रों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. सुनवाई के दौरान मंगलवार को सीबीएसई ने कोर्ट में कहा कि दोनों ही पेपर मॉडरेटरों ने तय करके एक ही डिफिकल्टी लेवल का निकाला था. स्थानीय भाषाओं में पेपर का ट्रान्सलेशन करने से ज्यादा लोग पूरी प्रक्रिया में जुड़ेंगे और इससे पेपर लीक होने की संभावना बढ़ जाती. सिर्फ 9.25 प्रतिशत छात्रों ने ही स्थानीय भाषा में परीक्षा दी थी. अगर पेपर लीक हो तो ऐसी स्थिति में अन्य 90 प्रतिशत छात्रों की दोबारा परीक्षा लेने की जरूरत नहीं रहती.

Advertisement
Advertisement