CBSE Board Re-Evaluation Process: सीबीएसई के 10वीं व 12वीं का रिजल्ट जारी हो चुका है. रिजल्ट के बाद सीबीएसई ने उन छात्रों को अवसर दिया है जो अपने मूल्यांकन से सहमत नहीं हैं. ऐसे छात्र अपने मूल्यांकन के लिए थ्री स्टेप स्क्रूटनी करा सकते हैं. इसके लिए बोर्ड मार्क्स वेरीफिकेशन, मूल्यांकन की गई कॉपियों की फोटो कॉपी और उत्तर पुस्तिका पुनर्मूल्यांकन करा सकता है. इसके लिए बोर्ड ने 26 जुलाई से आवेदन प्रक्रिया शुरू की है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा कक्षा 10वीं व 12वीं के परिणामों के बाद पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. जारी नोटिफिकेशन के अनुसार पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया तीन स्टेप में होगी, जिसमें पहले व दूसरे स्टेप के आवेदन के बाद ही पुनर्मूल्यांकन हो सकेगा. यह संपूर्ण प्रक्रिया सीबीएसई की वेबसाइट पर ऑनलाइन ही होगी.
तीन स्टेप में से पहले स्टेप में स्टूडेंट वेरिफिकेशन ऑफ मार्क्स के लिए आवेदन करेंगे, जिसकी तिथि 26 से 28 जुलाई के बीच रखी गई है. इसके लिए स्टूडेंट्स को 500 रुपये प्रति विषय के हिसाब से शुल्क देना होगा. अंकों के वेरिफिकेशन के आवेदन के उपरांत ही स्टूडेंट्स दूसरे स्टेप में अपनी आंसर बुक की फोटो कॉपी मंगवाने के लिए आवेदन कर सकेंगे. आवेदन के लिए स्टूडेंट्स को 8 व 9 अगस्त का समय दिया गया है.
ये होगी फीस
जांच की गई उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी प्राप्त करने के लिए प्रति उत्तर पुस्तिका 700 रुपये का शुल्क देना होगा. यदि इन दो चरणों में किए गए मूल्यांकन से भी स्टूडेंट संतुष्ट नहीं है तो वह तीसरे स्टेप में पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकेगा. तीसरे व अंतिम स्टेप में 13 से 14 अगस्त के मध्य आवेदन किया जा सकेगा, जिसके लिए स्टूडेंट को प्रत्येक प्रश्न की पुर्नजांच के लिए 100 रुपये शुल्क देना होगा.
क्या थी मार्किंंग स्कीम
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने जारी विज्ञप्ति में बताया था कि टर्म 1 परीक्षाओं के बाद मिले खास रिएक्शन ये थे कि छात्र टर्म वन एग्जाम में अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन करने में असमर्थ थे. वजह ये थी कि उन्हें बिना किसी पर्याप्त मिसाल और अभ्यास के पहली बार ऑब्जेक्टिव पैटर्न से एग्जाम देना था. छात्रों द्वारा संतोषजनक प्रदर्शन न किए जाने के साथ टर्म 2 परीक्षाओं के लिए प्रमुख प्रतिक्रिया अधिक सकारात्मक थी.
बोर्ड ने एक समग्र अंतिम परिणाम पर पहुंचने के लिए दो टर्म के लिए दिए जाने वाले एक औसत को लेकर बड़ी संख्या में स्कूल के प्रधानाचार्यों और अधिकारियों के विचार मांगे. समिति के अधिकांश सदस्यों ने सिफारिश की कि टर्म 1 थ्योरी के लिए वेटेज क्रमश: 30 प्रतिशत और टर्म 2 थ्योरी के लिए 70 प्रतिशत होना चाहिए. जहां तक प्रैक्टिकल का संबंध है, टर्म 1 टर्म 2 दोनों को बराबर वेटेज दिया जाए.
ऐसे तय हुआ फॉर्मूला
इसके बाद बोर्ड की सक्षम समिति ने कमेटी की चर्चाओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया और सिफारिशों को स्वीकार करने का निर्णय लिया. इसके आधार पर टर्म 1 का थ्योरी पेपर के लिए वेटेज 30 प्रतिशत और टर्म 2 का 70 प्रतिशत तय किया गया. हालांकि प्रैक्टिकल परीक्षा में कक्षा 10 और कक्षा 12 दोनों के फाइनल रिजल्ट तैयार करने के लिए समान वेटेज देने का निर्णय लिया गया.