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एक ही स्कूल से निकले 10वीं-12वीं के जिला टॉपर, खास है इन दो मिड‍िल क्लास परिवारों के बच्चों की कहानी

एक ही स्कूल के दो स्टूडेंट्स ने 10वीं और 12वीं में जिला टॉप करके दिखा दिया. रिजल्ट जारी होते ही छात्र पैदल दौड़ता स्कूल टीचर के पास पहुंचा और उनके पैर पकड़कर रोने लगा. छात्र ने कहा कि आज सर की बदौलन इतना नंबर ला सका. पढ़ें- इन दोनों छात्रों की सक्सेस स्टोरी.

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मुजफ्फरपुर के एक ही स्कूल के दो छात्रों ने किया कमाल
मुजफ्फरपुर के एक ही स्कूल के दो छात्रों ने किया कमाल

मुजफ्फरपुर में एक ही स्कूल के दो छात्रों ने 10वीं और 12वीं में टॉप किया है. दोनों ही काफी साधारण फैमली से है. एक के पिता दिल्ली में फ्री लांस वीडियो एडिटिंग करते है तो दूसरे के पिता मुजफ्फरपुर में ही प्राइवेट जॉब करके जीवनयापन करते हैं. 

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जैसे ही CBSE दसवी और  बारहवी के रिजल्ट जारी हुआ. दोनो दौड़ते-भागते स्कूल टीचर के पास पहुंचे और इनमें से एक टॉपर टीचर के पैर पकड़कर रोने लगा. 12वीं में 92.4 प्रतिशत नंबर लाने वाले ने बताया कि अब स्पेस साइंटिस्ट बनना है. उसके पिता प्राइवेट जॉब करते है. उसने बताया कि वो शुरू से साधारण स्टूडेंट था. एक दिन धर्मवीर सर ने फटकार लगाई और समझाया.

इसी के बाद उसने 12वीं में मेहनत करके तैयारी शुरू कर दी. जहां डाउट होता, दिन हो या रात सर के घर तक जाना अलाऊ था. सर के पास आकर समझ लेता. आज जो भी हुआ वह टीचर की देन है और मेरे माता पिता की आशीर्वाद है. वहीं, 10वीं में 97.2प्रतिशत नंबर लाने वाले अक्षत एकांश ने बताया कि आगे आईआईटी कर कंप्यूटर साइंस से इंजीनियर बनना चाहता हूं. उसके पिता जी दिल्ली में फ्री लांस काम करते हैंं. 

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छात्र ने कहा कि धर्मवीर सर और मेरी मां जो शिक्षिका है उनके परिश्रम की ही देन है कि आज मैं सफल हो सका हूं. वहीं दोनो को पढ़ाने वाले शिक्षक धर्मवीर कुमार ने बताया कि स्कूल चलाकर सिर्फ पैसा कमाना मकसद नही है. जो प्रतिभावान बच्चा है खासकर 10वीं और 12वीं के बच्चे यदि आर्थिक रूप से कमजोर है तो उनको चिह्न‍ित करके हम खुद से डाउट क्लियर कर व्हाट्सएप और खुद से पढ़ाता हूं. 
फिर जब उनका रिजल्ट सामने आता है तो मेरा मकसद सार्थक हो जाता है. इनकी सफलता ही मेरी फीस होती है. 

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