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JEE Mains में कोटा का बोलबाला! दूसरों से अलग है फिर से 100 पर्सेंटाइल लाने वाले रजित की कहानी

JEE Mains Topper Rajit Gupta Success Story: रजित की सफलता की कहानी दूसरों से अलग है. जहां ज्यादातर छात्र टाइट शेड्यूल और दबाव में पढ़ाई करते हैं, वहीं रजित ने हर हाल में खुश रहना अपनाया है. उन्होंने बताया, “मैंने कभी सख्त शेड्यूल फॉलो नहीं किया क्योंकि इससे अनावश्यक दबाव पड़ता है. जब मन होता था, तभी पढ़ता था, लेकिन जितना पढ़ता था, पूरे फोकस के साथ पढ़ता था.”

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JEE Mains Topper Rajit Gupta Success Story
JEE Mains Topper Rajit Gupta Success Story

JEE Mains Topper Rajit Gupta Success Story: कोचिंग नगरी कहे जाने वाले कोटा ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक प्रतिष्ठा को साबित की है. जेईई मेन्स सेशन-1 में टॉप 100 स्टूडेंट्स में 26 कोटा से हैं जिनमें से 7 ने 100 पर्सेंटाइल एनटीए स्कोर प्राप्त किया है. कोटा के महावीर नगर निवासी रजित गुप्ता ने जेईई मेन 2025 के अप्रैल सेशन में ऑल इंडिया रैंक (AIR)-1 हासिल कर शहर का नाम रोशन किया. रजित ने इससे पहले जनवरी सेशन में भी 100 पर्सेंटाइल स्कोर किया था, जो उनकी निरंतरता और प्रतिभा का प्रमाण है.

10वीं कक्षा में आए थे 96.8% नंबर
रजित ने 10वीं कक्षा में 96.8% अंक हासिल किए थे और वर्तमान में 12वीं कक्षा में हैं. कोटा के प्रतिस्पर्धी माहौल में में उन्होंने जेईई मेन की तैयारी की. उनकी सफलता का आधार उनकी गलतियों से सीखने की आदत है.

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रजित का सक्सेस मंत्र- हर हाल में खुश रहना 
रजित की सफलता की कहानी दूसरों से अलग है. जहां ज्यादातर छात्र टाइट शेड्यूल और दबाव में पढ़ाई करते हैं, वहीं रजित ने हर हाल में खुश रहना अपनाया है. उन्होंने बताया, “मैंने कभी सख्त शेड्यूल फॉलो नहीं किया क्योंकि इससे अनावश्यक दबाव पड़ता है. जब मन होता था, तभी पढ़ता था, लेकिन जितना पढ़ता था, पूरे फोकस के साथ पढ़ता था.”

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 उनका मानना है कि गलतियों को दोहराने से बचना और डाउट्स को तुरंत क्लीयर करना विषय की नींव को मजबूत करता है. रजित ने कहा, “मेरा सक्सेस मंत्र है खुशहाली. मैं हर हाल में खुश रहता हूं.” पढ़ाई के साथ-साथ वह कॉलोनी के बच्चों के साथ खेलकर तरोताजा रहते थे, जिससे उनका मानसिक संतुलन बना रहा.

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रजित ने अपनी सफलता का कोचिंग इंस्टीट्यूट के टीचर्स और स्टडी मटेरियल को दिया. उनकी आत्मविश्वास की झलक तब दिखी जब उन्होंने जेईई मेन की आंसर की तक नहीं देखी. अपने पिता से उन्होंने कहा, “पापा, आप चिंता मत करो, मैं एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई कर लूंगा.”

पिता BSNL में इंजीनियर, मां कॉलेज में प्रोफेसर
रजित के पिता दीपक गुप्ता बीएसएनएल, कोटा में सब डिवीजनल इंजीनियर हैं, जबकि उनकी मां डॉ. श्रुति अग्रवाल जेडीबी कॉलेज में होम साइंस की प्रोफेसर हैं. माता-पिता के प्रोत्साहन और सहयोग ने रजित को अपनी पढ़ाई पर फोकस करने में मदद की.

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अब जेईई एडवांस्ड पर पूरा फोकस
फिलहाल रजित का पूरा ध्यान जेईई एडवांस्ड की तैयारी पर है. उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि कोटा के उन तमाम छात्रों के लिए प्रेरणा है जो जेईई जैसे कठिन इम्तिहान की तैयारी कर रहे हैं.

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प्रेरणादायक संदेश
रजित गुप्ता की कहानी यह साबित करती है कि सफलता के लिए सख्त नियमों का पालन जरूरी नहीं है. खुशहाल मन, आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है. कोटा का यह होनहार छात्र अपनी इस उपलब्धि के साथ लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहा है कि मेहनत और खुशी का संतुलन ही असली सफलता की कुंजी है.

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