NEET परीक्षा में अंग्रेजी और तमिल क्वेस्चन पेपर में अंतर को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में एक छात्र ने याचिका दायर की थी, जिसे लेकर हाई कोर्ट ने नीट रिजल्ट पर 7 जून तक रोक लगा दी है.
अपनी याचिका में छात्र ने आरोप लगाया है कि NEET Exam का अंग्रेजी और तमिल का प्रश्न पत्र एक जैसा नहीं था.
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मद्रास हाई कोर्ट ने NEET यानी कॉमन मेडिकल इंट्रेंस एक्जाम के रिजल्ट पर रोक लगा दी है. इस संबंध में सीबीएसई को रिजल्ट ऐलान नहीं करने का निर्देश दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय ने 7 मई को हुई MBBS और BDS के लिए हुई National Eligibility and Entrance Test
(NEET) को रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सीबीएसई से बीते 22 मई को जवाब मांगा.
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न्यायमूर्ति आर महादेवन की अवकाशकालीन पीठ ने मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक एक छात्र की मां की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सीबीएसई से जवाब मांगा था.
याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया है कि परीक्षा ने संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत छात्रों के समानता के अधिकार का उल्लंघन किया है.
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पीठ ने सीबीएसई को नोटिस जारी करने के बाद मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 24 मई को निर्धारित थी. अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा देने वाले उम्मीदवार की मां ने परीक्षा को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करने वाला बताया है. उन्होंने दावा किया है कि हिंदी, अंग्रेजी और तमिल समेत विभिन्न भाषाओं में प्रश्न पत्र एक नहीं थे और उनकी कठिनाई का स्तर भी समान नहीं था. याचिकाकर्ता ने कहा कि नीट के तहत चयन समान कौशल का परीक्षण नहीं होगा.