जिन बहनों को पढ़ाने के लिए बड़े भाई ने खुद की पढ़ाई छोड़ दी और मजदूरी के लिए मुंबई चला गया, आज उस बहन ने भाई का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. अपनी छोटी बहन की पढ़ाई का परिणाम भाई ने देखा तो उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े.
सरकारी स्कूल से पढ़कर पाए 96.60 % नंबर
जालोर के सरनाऊ पंचायत समिति के लाछीवाड़ निवासी छात्रा लक्ष्मी के पिता लाड़ू राम विश्नोई अब इस दुनिया में नहीं हैं. लक्ष्मी ने सरकारी स्कूल में पढ़कर 12वीं कला वर्ग में 96.60 प्रतिशत अंक हासिल किए. विकट परिस्थितियों में सफलता हासिल करने वाली लक्ष्मी को हर कोई बधाई दे रहा है.
आपको बता दें कि लक्ष्मी को मिलाकर चार बहनें और एक भाई है. पिता की मौत 10 साल पहले हो चुकी है, जिसके बाद चारों बहनों का भार मां पर आ पड़ा. मां ने खेती करके बेटे और बेटियों को पढ़ाया. बड़े भाई ने 12वीं में अच्छे अंक हासिल किए. लेकिन घर की परिस्थिति इतनी बेहतर नहीं थी कि वह आगे पढ़ाई कर सके.
बहनों के लिए किया त्याग
खुद की पढ़ाई रुकने के बाद भाई ने ठान लिया कि वह अपनी बहनों को जरूर पढ़ाएगा. उसके बाद खुद पढ़ाई छोड़कर वह काम पर चला गया. मां और भाई ने जो सपना देखा, आज वह सपना बहन ने पूरा कर दिखाया. बहन लक्ष्मी ने 12वीं कक्षा में कला वर्ग में सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए 96.60 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. अब लक्ष्मी की इच्छा है कि वह आगे पढ़ाई जारी रखे और बड़ी अधिकारी बने. लेकिन इस समय उनकी घर की जो परिस्थिति है वो उनका साथ नहीं दे रही है.
लक्ष्मी पूरा करना चाहती है सपना
ऐसे में अब उच्च शिक्षा के लिए लक्ष्मी को आर्थिक सबंल की जरूरत है. अगर इस समय उनको सहयोग मिल जाए तो लक्ष्मी अपने सपने को पंख लगा सकती है. छात्रा लक्ष्मी ने बताया कि उनके पिता की 10 वर्ष पहले मौत हो गई थी. उसके बाद चार भाई-बहन को मां ने मजदूरी करके पढाया. लेकिन परिवार की माली हालत के चलते भाई ने 12वीं पास करने के बाद अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर बाहर काम पर जाने का रास्ता चुना ताकि बहनों की पढ़ाई जारी रहे और वो पढ़-लिखकर कोई मुकाम हासिल कर सकें. रिजल्ट आने के बाद शिक्षकों और आसपास रहने वाले लोगों ने छात्रा के घर जाकर उसको बधाई दी और मुंह मीठा कराया.