चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लाक के ददरी गांव की पहचान किसी समय में डकैतों के नाम से होने लगी थी. गांव के लोगों को यह बात बेहद नागवार गुजरती थी. अपने इस कलंक को धोने के लिए गांव के ही महेश पटेल ने शिक्षा की ऐसी लगख जगाई कि आज इस परिवार के एक होनहार युवक ने न सिर्फ यूपी पीसीएस की परीक्षा पास कर अपने गांव का रोशन किया बल्कि प्रदेश में छठवां स्थान भी हासिल किया है.
यह कहानी है चित्रकूट के मानिकपुर क्षेत्र के ददरी गांव में रहने वाले पवन पटेल की. उनके ताऊ मध्य प्रदेश के मैहर में सरकारी शिक्षक थे. उन्होंने पवन को अपने साथ रखकर उसकी शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी संभाली और उनकी देखरेख में पवन अपनी पढ़ाई लिखाई करने लगा. बेहद कुशाग्र बुद्धि वाले पवन पटेल ने हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा में 90% से अधिक अंक हासिल किए और इसके बाद उन्होंने एचडीएफसी बैंक में नौकरी कर ली.
दे दिया नौकरी से इस्तीफा
बैंक की नौकरी करते हुए पवन पटेल को लगा कि इस नौकरी से वह कुछ खास हासिल नहीं कर पाएगा और अपने गांव का नाम रोशन करने की उसकी हसरत पूरी नहीं हो पाएगी. यह सोचकर पवन ने ढाई साल बैंक की नौकरी करने के बाद त्यागपत्र दे दिया और कंपटीशन की तैयारी में जुट गया. एक साल पहले पवन का सिलेक्शन पीपीएस में हो गया और वह डीएसपी के लिए चयनित हुए. पवन का सिलेक्शन जरूर हो गया था लेकिन उसके मन में अभी भी और उच्च पद हासिल करने की लालसा बनी हुई थी.
अपने लक्ष्य यूपी पीएससी की परीक्षा निकालने के लिए पवन ने दिल्ली में कोचिंग लेनी शुरू की और पहली बार में यूपी पीएससी का एग्जाम निकाल दिया. पवन के साथ-साथ उसके गांव की भी किस्मत जोरदार थी और पवन ने न सिर्फ यूपी पीसीएस की परीक्षा पास की बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में छठवां स्थान हासिल किया है. आज जब पवन ने अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है और वह एसडीएम बन गए हैं. उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.
ताऊ के साथ रहकर की पढ़ाई
पवन की मां तारा पटेल का कहना था कि जब उनके बेटे ने बैंक की नौकरी छोड़ी तो उन्हें थोड़ा अजीब जरूर लगा. लेकिन उन्हें अपने बेटे पर विश्वास था और आज उनके बेटे ने उनका सर फख्र से ऊंचा कर दिया है. पवन पटेल के पिता केदार पटेल का कहना है कि हम किसान आदमी हैं. पवन के ताऊ उसे अपने साथ रखते थे. उन्होंने ही उसकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा संभाला था. पवन की सफलता में पूरे परिवार का हाथ है.
आज जब पवन ने यूपी पीसीएस की परीक्षा में छठवां स्थान हासिल किया है तो इससे हमारे क्षेत्र में बच्चों में शिक्षा के प्रति आकर्षक और रुचि पैदा होगी. उसे देखकर बच्चे पढ़ाई में मेहनत करेंगे और तमाम अन्य युवक सफलता की एक नई कहानी लिखने का प्रयास करेंगे.