UPSC Akansha Singh AIR 44: 'खुद पर विश्वास करना एक जादू जैसा है, अगर आप ये कर सकते हो तो कुछ भी कर सकते है.' ये लाइन आजमगढ़ की रहने वाली आकांक्षा पर फिट पर बैठती हैं. जिन्होंने हार नहीं मानी और अफसर बनने का जो सपना संजोया था उसे कर दिखाया. वो खुद पर विश्वास ही था जिसकी वजह से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में एक या दो बार नहीं, बल्कि चार बार निराशा हाथ लगने के बाद भी हार नहीं मानी और पांचवीं बार में मंजिल हासिल की. हम बात कर रहे हैं यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 44वीं रैंक प्राप्त करने वाली आकांक्षा की, जिनकी कहानी युवाओं को मोटिवेट करती है.
जो उम्मीदवार एक-दो अटेंप्ट में असफलता मिलने से हार मान लेते हैं, वे आकांक्षा की कहानी से खुद पर विश्वास रखने की सीख ले सकते हैं. आकांक्षा चार बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई थीं, लेकिन अपने आखिरी अटेंप्ट में न सिर्फ उन्होंने प्रीलिम्स क्लियर किया बल्कि मेन्स और इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करके 44वीं रैंक हासिल की. एक इंटरव्यू में आकांक्षा ने बताया कि प्रीलिम्स काफी ऑब्जेक्टिव है और मेरा जो एप्टीट्यूड था वह सब्जेक्टिव टाइप का था.
चार बार प्रीलिम्स भी नहीं निकला, फिर आखिरी अटेंप्ट में कैसे पाई 44वीं रैंक
आकांक्षा कहती हैं कि मुझे मेन्स से ज्यादा प्रीलिम्स ज्यादा मुश्किल लगता था, फिर एक यकींन था जिस दिन प्रीलिम्स निकल गया मैं यूपीएससी जरूर क्लियर कर लूंगी, इसलिए मैंने प्रीलिम्स पर ज्यादा फोकस किया.
उन्होंने बताया कि मैं बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर होने की वजह से यूपीएससी की तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाती थी. लेकिन कॉलेज जाने से पहले सुबह 4 घंटा और कॉलेज से आने के बाद शाम को 4 घंटा यूपीएससी की तैयारी करती थी. कई मॉक टेस्ट दिए, ऑनलाइन पढ़ाई की और सेल्फ एनालिसिस किया. इसके अलावा मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट जियोग्राफी था और मैं जियोग्राफी ही पढ़ाती हूं, इससे मुझे काफी फायदा मिला.
यूपीएससी एस्पिरेंट्स को जरूरी टिप्स
यूपीएससी की तैयारी कर रहे एस्पिरेंट्स को जरूरी टिप्स देते हुए आकांशा ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ ब्रेक लेना भी जरूरी है. ताकि आप फिर से रिलैक्स माइंड के साथ पढ़ाई कर सके. साथ ही खुद पर भरोसा रखें, अपने स्टडी प्लान पर डटे रहें, जहां कमी लगे उसे देखें और ज्यादा फोकस करें.
पिता की तरह बनने का सपना देखा था
आकांक्षा सिंह के पिता साल 2020 में एडीएम पद से रिटायर हो गए थे. पापा को देख आकांक्षा भी सरकारी अफसर बनना चाहती थीं. आकांक्षा का यह पांचवा अटेंप्ट था. यूपीएससी एग्जाम क्रैक करने के बाद बेटी की कामयाबी से पिता गदगद हैं.
झारखंड और दिल्ली से की पढ़ाई
यूपीएससी सीएसई परीक्षा 2023 में 44वीं रैंक हासिल करने वाली आकांक्षा का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ था लेकिन पढ़ाई झारखंड और दिल्ली में हुई. स्कूली शिक्षा जमशेदपुर से हुई है. जमशेदपुर से 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गईं. स्नातक की शिक्षा दिल्ली के मिरांडा हाउस से प्राप्त की है और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से मास्टर्स और एम-फिल की पढ़ाई की है. कोचिंग के साथ-साथ सेल्फ स्टडी कर आकांक्षा ने यूपीएससी की पढ़ाई की है.
बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं आकांक्षा
आकांक्षा वर्तमान समय में बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. पांचवीं बार में अथक प्रयासों के बाद आकांक्षा ने यह सफलता हासिल की है. उनका बचपन से ही सपना था कि वह आइएएस बन देश की सेवा करेंगी. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरुजनों को दिया है. इस बात कीजानकारी बुधनपुर इलाके सहित पूरे जिले में हर्षव्याप्त है और यह कहना है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं.
लखनऊ के आदित्य ने टॉप किया एग्जाम
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2023 के परिणाम में आदित्य श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया रैंक वन हासिल की है. वहीं दूसरा स्थान अनिमेश प्रधान को मिला है और तीसरे नंबर पर अनन्या रेड्डी हैं, चौथे स्थान पर पीके सिद्धार्थ रामकुमार हैं जबकि पांचवें स्थान पर रुहानी हैं. बता दें कि जिन 1016 कैंडिडेट्स का सेलेक्शन हुआ है उनमें 347 जनरल कैटेगिरी से हैं। 115 ईडब्ल्यूएस क्लास से हैं जबकि 303 ओबीसी कैंडिडेट हैं. 165 एससी और 86 एसटी उम्मीदवारों का सेलेक्शन हुआ है. बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और केंद्रीय सेवाओं, ग्रुप ए और बी में नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण के आधार पर अंतिम परिणाम तैयार किए गए हैं.