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UPSC Success Story: कुंडली में लिखा था 24 की उम्र तक बनेगी अफसर, बिटिया ने 23 साल में क्लियर कर दी UPSC

UPSC Success Story: माता-पिता बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन लिपि नगाइच UPSC परीक्षा देना चाहती थीं. कॉलेज के दिनों से ही लिपि ने यूपीएसपी की तैयारी करनी शुरू की और पहले ही प्रयास में सफलता का झंडा लहरा दिया.

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भोपाल की लिपि नगाइच ने पास की UPSC परीक्षा.
भोपाल की लिपि नगाइच ने पास की UPSC परीक्षा.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भोपाल की लिपि नगाइच ने हासिल की 140वीं रैंक
  • नाना ने कही थी अफसर बनने की बात

UPSC Topper: संघ लोक सेवा आयोग ( UPSC) के सोमवार को घोषित नतीजों में मध्य प्रदेश के भोपाल की लिपि नगाइच (Lipi Nagaich)  का भी नाम है. लिपि की ऑल इंडिया 140वीं रैंक आई है. घरवालों की मानें तो ज्योतिषाचार्य ने कई साल पहले ही लिपि के अफसर बनने की  भविष्यवाणी कर दी थी. हालांकि, माता-पिता अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे.

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यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली लिपि नागाइच के पिता डॉ. उमाशंकर नगाइच भोपाल में ही जवाहर बाल भवन में डायरेक्टर हैं. उन्होंने बताया कि बचपन मे जब लिपि की कुंडली बनवाई गई थी, तो उसमें पंडित जी ने बताया कि 24 साल की उम्र में बिटिया अफसर बनेगी. उसी भविष्यवाणी के मुताबिक एक साल पहले ही यानी 23 साल की उम्र में UPSC क्लियर कर अफसर बनने जा रही है. 

करेली में हुआ था जन्म 
पिता ने बताया कि बेटी लिपि का जन्म नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील में हुआ. बचपन से वह बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन उसने UPSC क्लियर करने का मन बना रखा था, और आखिरकार खुशी इस बात की है कि उसने वह हासिल कर लिया, जिसका लक्ष्य उसने निर्धारित किया था. 

भोपाल से ही हुई पढ़ाई 
लिपि ने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई भोपाल से ही की है. यही नहीं, इसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी भी भोपाल से ही की और अपने पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर कर लिया. 

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स्कूल से ही तय कर रखा था टारगेट 
लिपि ने बताया, ''मैंने UPSC क्लियर करने का लक्ष्य स्कूल से ही तय कर लिया था. क्योंकि नाना भी मुझे IPS अफसर बनते देखना चाहते थे.''   वहीं, कोरोना की दूसरी लहर यानी पिछले साल नाना कोरोना संक्रमित हो गए और उनकी स्थिति गंभीर हो गई, तो उन्होंने वादा किया कि वह अफसर बनकर दिखाएंगी और इसके बाद सबकुछ भूलकर सिर्फ UPSC की तैयारी में जुट गईं. 

 

रोजाना 10 घंटे पढ़ाई
आखिरकार लिपि नगाइच की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर ली. उन्होंने रोजाना 10 घंटे पढ़ाई का टाइम टेबल बना रखा था. इस दौरान वह पूरा ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर लगाती थीं. आपको बता दें कि लिपि अपने कॉलेज की टॉपर भी रह चुकी हैं और बाकायदा गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं.

 

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