राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता सुधारने पर जोर देते हुए कहा कि भारत को उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में उभरना चाहिए.
राष्ट्रपति भवन में पहले तीन दिवसीय विजिटर्स कन्फ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष तक भारत के कम से कम पांच केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया के शीर्ष 200 संस्थानों की सूची में शामिल होंगे.
राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी एक विग्यप्ति के मुताबिक उन्होंने कहा कि भारत को उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में अवश्य उभरना चाहिए. मुखर्जी ने विश्वास जताया कि सीएचईआई नयी ऊंचाईयां छुएगा. राष्ट्रपति ने वहां मौजूद लोगों से आग्रह किया कि वह ऐसी पहल करें, जिनके लिए अतिरिक्त कोष की जरूरत न हो और जिन्हें संस्थान के नियंत्रण के भीतर ही पूरा किया जा सके.
मुखर्जी ने कहा कि इनमें से कुछ पहल पाठ्यक्रम को अद्यतन करना और समीक्षा करना, नये तरीके अपनाकर शिक्षण की गुणवत्ता को सुधारना, ऐसी शिक्षा देना जिससे छात्रों का चरित्र निर्माण हो और वर्तमान ढांचे के बेहतर रखरखाव और उपयोगिता करना शामिल है. विग्यप्ति में बताया गया कि राष्ट्रपति ने कहा कि अगर हम नई उर्जा से इन पर काम करेंगे तो परिणाम काफी उत्साहजनक होंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि वह चाहते हैं कि सीएचईआई के प्रशासनिक ढांचे में पूर्व छात्रों को शामिल करने में तेजी लाई जाए वहीं प्रायोजित शोध, दान, चेयर की स्थापना, डोनेशन और शिक्षकों की भर्ती में तेजी लाए जाने की जरूरत है.
इनपुट: भाषा