दिल्ली सरकार ने हाल ही में उच्च शिक्षा कर्ज योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत छात्रों को बैंकों की ओर से 10 लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा. इसमें गारंटर सरकार होगी.
उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास गारंटी योजना का मकसद उच्च शिक्षा पाने में छात्रों की मदद करना है. एक अधिकारी के मुताबिक, इस योजना में किसी तीसरे पक्ष की गारंटी या मार्जिन धनराशि की जरूरत नहीं होगी.
कर्ज प्राप्त करने की प्रक्रिया पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास गारंटी योजना की शुरुआत के मौके पर कहा, 'यह दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है. ऐसे कई छात्र हैं जो पैसे और ऐसी योजना की कमी के कारण अपने सपने नहीं पूरे कर पाते. कुछ अभिभावकों के पास कर्ज के लिए गारंटी देने के पैसे नहीं होते जिसकी वजह से उनके बच्चों के सपने टूट जाते हैं. सरकार ऐसे अभिभावकों के साथ है जिनके पास गिरवी रखने या सिक्युरिटी के नाम पर देने के लिए संपत्ति नहीं हैं.'
सिसोदिया ने कहा, हम बैंकों से अनुरोध करते हैं कि वे अध्ययन के लिए कर्ज दें और हम उनकी जिम्मेदारी उठाएंगे. उप-मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दिल्ली सचिवालय में कुछ छात्रों को कर्ज के चेक भी बांटे. छात्रों को पढ़ाई के लिए बैंक से कर्ज दिलवाना आम आदमी पार्टी का एक प्रमुख चुनावी वादा था. सरकार ने कहा कि इस योजना की कामयाबी इस पर निर्भर नहीं करेगी कि अधिकारियों ने योजना कैसे तैयार की है, बल्कि किस तरह छात्रों की ओर से कर्ज अदायगी होगी.
इनपुट: भाषा