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अलविदा 'किंग ऑफ इंडियन रोड', जानें एंबेसडर की 10 खास बातें

एंबेसडर कार को हमेशा ही इंडियन कार कहा जाता रहा. जानिए इसके बारे में खास बातें...

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एंबेसडर कार
एंबेसडर कार

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इंडियन कार कही जाने वाली एंबेसडर आखिरकार बिक गई है. फ्रांस की ऑटो कंपनी प्यूजो ने इसे महज 80 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. जो कभी भारतीयों का स्‍टेटस सिंबल होती थी, जानिए उस गाड़ी के बारे में खास बातें...

सिर्फ 80 करोड़ रुपये में बिक गया एंबेसडर कार का ब्रांड

हिंदुस्‍तान एंबेसडर को हिुंदुस्‍तान मोटर्स ने बनाना आरंभ किया.

इसका निर्माण 1958 से 2014 तक किया गया.


कहा जाता है कि ये गाड़ी ब्रिटेन के मोरिस ऑक्‍सफोर्ड सिरीज 3 कार के मॉडल से प्रेरणा लेकर तैयार की गई थी.


एंबेसडर पहली ऐसी कार थी जिसका निर्माण भारत में किया गया. इसे तब भारत में स्‍टेटस सिंबल माना जाता था.


1980 के मध्‍य में मारुति सुजुकी के भारत आने के बाद भारतीय बाजार में इसका वर्चस्‍व कम हुआ. मारुति ने मारुति 800 गाड़ी एंबेसडर से कम कीमत पर बाजार में उतारी थी.


इसके बाद से निरतंर इसकी लोकप्रियता में कमी आई. कई विदेशी कार निर्माता कंपनियां भी भारत आ चुकी थीं.


इसके बाद भी एंबेसडर भारतीय राजनीतिज्ञों, राजदूतों का वाहन बनी रही. सफेद एंबेसडर पर लाल बत्‍ती वाली गाड़ी ही यूज की जाती थी.


ब्रिटेन से प्रेरणा लेने के बावजूद एंबेसडर को हमेशा ही इंडियन कार कहा जता रहा है. इसे 'किंग ऑफ इंडियन रोड' का दर्जा भी मिला.


इसके कई मॉडल और वर्जन आए. इनमें मार्क 1, मार्क 2, मार्क 3, मार्क 4, एंबेसडर नोवा, एंबेसडर 1800 आईएसजेड प्रमुख हैं. ये सभी 1992 के पहले लॉन्‍च किए गए.

2003 में इसका नया मॉडल आया एंबेसडर ग्रांड. फिर एंबेसडर एविगो, अंबेसडर एनकोर लॉन्‍च किए गए.

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