यू ट्यूब पर गोल्फ देखकर उसने गांव के खेतों और घर के आंगन में जमकर प्रैक्टिस की. उसके पिता दूध बेचने का काम करते हैं . आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी लगन और मेहनत के बल पर उसने गोल्फ का जूनियर वर्ल्ड चैंपियन का टाइटल जीतकर इतिहास रच दिया है. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पानीपत जिले का इसराना गांव के रहने वाले 10 वर्षीय शुभम जगलान की.
यही नहीं सिर्फ 10 साल की उम्र में शुभम 100 से ज्यादा टूर्नामेंट भी जीत चुके हैं. शुभम को 7 साल की उम्र से कोचिंग सिखा रहीं कोच नोनिता कहती हैं कि वो कंप्यूटर पर कई घंटे गोल्फ एक्सपर्ट के वीडियों देखने में गुजार देता था. उनके अनुसार इतनी कम उम्र में एक बच्चे के लिए गोल्फ सीखना असाधारण है.
नोनिता ने दरअसल इसराना गांव में एक छोटी सी गोल्फिंग रेंज खोली थी, जहां उनकी मुलाकात शुभम से हुई. नोनिता ने जल्द ही शुभम के अंदर छिपी प्रतिभा को परख लिया और उसे दिल्ली ले आईं. शुभम को द गोल्फ फाउंडेशन में लिया गया. यह एक चैरिटेबल सोसाइटी है जो गोल्फ के प्रतिभावान खिलाड़ियों को निखारने का काम करती है.
फाउंडेशन के फाउंडर और पूर्व एशियन गेम्स स्वर्ण पदक विजेता अमित लूथरा ने शुभम की हर संभव मदद की. नोनिता के मुताबिक शुभम को टाइगर वुड्स बेहद पंसद है और वो अपनी फिटनेस, पढ़ाई, खेल और फ्री टाइम को अच्छे से बैलेंस रखता है. वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतने के बाद शुभम ने अपनी फेसबुक पोस्ट में अपनी सफलता को श्रेय देते हुए अपने पिता, नोनिता और लूथरा का धन्यवाद किया है.