भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रक्षेपण यानी पीएसएलवी ने श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से एक एकल मिशन में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया. जानिए इसरो को क्या फायदा होगा इससे-
LIVE: ISRO ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक साथ अंतरिक्ष में भेजे 104 उपग्रह
इसरो, भारतीय सैटेलाइट कार्टोसेट 2 डी समेत 104 सैटेलाइट अंतरिक्ष में स्थापित करने जा रहा है. इतने ज्यादा सैटेलाइट एक साथ छोड़ने का यह रिकॉर्ड होगा.
इसरो बचाएगा 100 करोड़ रुपये
- अगर ये प्रक्षेपण सफल रहता है तो इसरो, रूस का रिकॉर्ड तोड़ेगा. रूस के नाम 37 सैटेलाइट एक साथ छोड़ने का रिकॉर्ड है.
- ये
सारा काम इसरो के कमर्शियल विंग 'अंतरिक्ष कॉरपोरेशन' संचालित कर रहा
है. इससे इन्हें इस तरह के और प्रोजेक्ट मिलने की उम्मीद है.
- पीएसएलवी
से लॉन्च का खर्च 100 करोड़ रुपए है. वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष
कॉरपोरशन ने इन सैटेलाइट्स के लिए 200 करोड़ रुपए की डील की है यानी उसे
करीब 100 करोड़ रुपए की बचत होगी.
- सैटेलाइट्स की कमर्शियल लॉन्चिंग में इसरो की पहचान और मजबूत होगी.
- विशेषज्ञ
मान रहे हैं कि इस लॉन्च के सफल होने के बाद दुनिया भर में छोटी सैटेलाइट
लॉन्च कराने के मामले में इसरो पहली पसंद बन जाएगा, जिससे देश को आर्थिक
तौर पर फायदा होगा.
- विदेशी सैटेलाइट इतनी कम कीमत में लॉन्च करने के कारण अमेरिकी प्राइवेट लॉन्च इंडसट्री के लिए इसरो सीधा प्रतिद्वंदी बन गया है.