तमिलनाडु प्रांत में बाल अधिकारों के लिए काम करने समकालवी इयक्कम नामक गैर सरकारी संगठन ने तमिलनाडु सरकार के समक्ष चिंता जतायी है. वे चाहते हैं कि स्कूलों के भीतर कम संख्या की वजह न तो स्कूलों को मर्ज किया जाए और न ही बंद किया जाए. इसके अलावा उन्होंने बीते 10 साल में मर्ज या बंद किए गए स्कूलों के खोलने की भी बात कही है.
इस गैर सरकारी संगठन के सदस्यों ने आरटीआई के जवाबों को उद्धरित करते हुए बीते मंगलवार को एक प्रेस मीट की थी. उनका कहना है कि बीते 3 सालों में राज्य के 12 जिलों में कुल 38 स्कूल बंद हुए हैं.
इस गैर सरकारी संगठन ने प्रांत के 15 जिलों में ऐसे 155 स्कूलों का भी सर्वे किया जो बंदी की कगार पर हैं. इन जिलों में चेन्नई, वेल्लोर, सालेम, त्रिची और दिंदीगुल शामिल हैं.
इस सर्वे के तहत उन्होंने स्टूडेंट्स की संख्या, शिक्षकों की संख्या , खेल के मैदान, काम कर रहे टॉयलेट, साफ पेय जल, और स्कूल मैनेजमेंट कमिटी का ब्यौरा लिया है. इस संगठन के सेक्रटरी कहते हैं कि 155 स्कूलों में से 111 स्कूलों में तो 25 स्टूडेंट से भी कम हैं. वहीं 36 स्कूलों में यह आंकड़े 10 स्टूडेंट से भी कम हैं.