हाई कोर्ट ने एक दलील के आधार पर दिल्ली सरकार और नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को जवाब तलब किया है. इसमें कोर्ट ने पूछा है कि ऑर्डर देने के बावजूद प्राथमिक स्तर पर रजिस्टर 16 लाख स्टूडेंट्स को टेक्सटबुक, लिखने की सामग्रियां और यूनिफॉर्म क्यों नहीं मुहैया कराए गए हैं.
अखबारों में छपी रिपोर्टों को अगर सही मानें तो जस्टिस मनमोहन ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सरकार के पास नोटिस भी भेजा है, हालांकि यह सत्र 4 अप्रैल से ही शुरू हो चुका है.
इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की गई है. तब तक दिल्ली सरकार और नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को जवाब तैयार करने को कहा गया है.
कोर्ट इस मामले में एडवोकेट अशोक अग्रवाल के माध्यम से सत्यम प्रजापति की दलील सुन रही थी. वे कहते हैं कि प्राइवेट स्कूलों में तो सत्र शुरू होने के दो-चार दिन पहले ही सारे जरूरी दस्तावेज दे दिए जाते हैं, फिर सरकारी स्कूलों के मामले में ऐसा क्यों नहीं होता.