2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की कुल जनसंख्या का 4.5 फीसदी लोग ही ग्रेजुएट हैं. यह देश की तरक्की के लिए एक चिंता का विषय है. लेकिन देश में मिड्ल, हायर एजुकेशन हासिल करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है.
इसके बावजूद जनगणना के मुताबिक 25.2 फीसदी आबादी ही प्राइमरी एजुकेशन हासिल कर पाती है. वहीं, 15.7 मिडिल क्लास, 11.1 फीसदी मैट्रिक तक, सिर्फ 8.6 फीसदी हायर सेकेंड्री तक पहुंच पाते हैं. देश में 4.5 फीसदी लोग ग्रेजुएट हैं या इससे ऊपर की शिक्षा हासिल किए हुए हैं.
जबकि देश में किसी भी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से जुड़े लोगों की संख्या 2001 में जनगणना में 22.24 फीसदी थी. वहीं, 2011 की जनगणना रिपोर्ट में यह 25.97 फीसदी पहुंच गया है.
रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ने शुक्रवार को वैसे मजदूरों के एजुकेशन डेटा को भी जारी किया, जो नौकरी कर रहे हैं या नौकरी की खोज में हैं. यह डेटा कुल पांच कैटेगरी में थी. इसमें असाक्षर, साक्षर लेकिन मैट्रिक से नीचे, मैट्रिक और सेकेंडरी पास, टेक्निकल डिप्लोमा/सर्टिफिकेट,ग्रेजुएट से कम लोग शामिल थे.
डेटा के मुताबिक कुल 39.4 फीसदी मजूर अनपढ़ हैं. 37.6 फीसदी साक्षर तो हैं लेकिन मैट्रिक या सेकेंडरी कक्षा पास नहीं हैं. 14.5 फीसदी को मैट्रिक या सेकेंडरी तक की शिक्षा प्राप्त है लेकिन वे ग्रेजुएट नहीं हैं.