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नर्सरी एडमिशन: कोर्ट जा सकते हैं 298 प्राइवेट स्‍कूल!

नर्सरी एडमिशन का मामला एक बार फिर कोर्ट पहुंच सकता है. डीडीए भूमि पर बने स्‍कूलों को दिल्‍ली सरकार के निर्देश मान्‍य नहीं हैं.

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नर्सरी एडमिशन
नर्सरी एडमिशन

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दिल्‍ली में DDA की भूमि पर बने प्राइवेट स्‍कूलों ने एडमिशन प्रक्रिया को लेकर कोर्ट जाने का मन बनाया है. ये सभी स्‍कूल दिल्‍ली सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों को मानने से इनकार कर रहे हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में इन 298 स्‍कूलों के लिए दिल्‍ली सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं जिन पर चलते हुए ही इन्‍हें नर्सरी एडमिशन की प्रक्रिया को पूरा करना है.

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नए नियम के मुताबिक नर्सरी दाखिले के 75 फीसदी ओपन सीटों में स्कूल सबसे पहले 0-1 किलोमीटर तक के रेंज के बच्चों को एडमिशन देंगे. इनमें सबसे पहले उन बच्चों को दाखिला मिलेगा जिनके भाई-बहन उसी स्कूल में पढ़ते हैं. यानी सिबलिंग क्राइटेरिया के तहत 0-1 किलोमीटर की रेंज में रहने वाले बच्चों को दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगी.

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इंडियन एक्‍सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक इन स्‍कूलों को ये नया नियम पूरी तरह मान्‍य नहीं है. उनका कहना है कि दिल्‍ली सरकार उन्‍हें सरकारी स्‍कूलों की तरह दिशानिर्देश दे रही है, जो गलत है. इसके अलावा कई मामलों पर दिल्‍ली सरकार ने कुछ भी निर्देश नहीं दिए हैं.

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इस मामले में गैर-सहायता प्राप्‍त प्राइवेट स्‍कूलों के प्रेसिडेंट (उनके साथ 1,000 प्राइवेट स्‍कूल जुड़े हैं) एसके भट्टाचार्य ने कहा, 'दिल्ली सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं, हम उनके विरोध में कोर्ट जाएंगे. हमें नेबरहुड क्राइटीरिया मानने से गुरेज नहीं है पर कई सारे प्‍वाइंट्स पर कोई गाइडलाइंस नहीं है जैसे सिब्लिंग या गर्ल चाइल्‍ड पर.'

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