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57 साल बाद मिजोरम सैनिक स्कूल में 6 लड़कियों की एंट्री, ऐसे हुईं सेलेक्ट

जानिए उस सैनिक स्कूल के बारे में जहां लड़कियां करती हैं पढ़ाई... ऐसे हुआ सेलेक्शन

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मिजोरम के छिंगछिप में स्थित सैनिक स्कूल (फोटो: फेसबुक)
मिजोरम के छिंगछिप में स्थित सैनिक स्कूल (फोटो: फेसबुक)

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मिजोरम के छिंगछिप में स्थित सैनिक स्कूल में 6 लड़कियां अब इतिहास रचने जा रही हैं. जिन्हें इस स्कूल में एडमिशन मिल गया है. इसके साथ ही मिजोरम का ये सैनिक स्कूल देश का पहला ऐसा सैनिक स्कूल बन गया है जिसने लड़कियों को पढ़ने के लिए स्कूल के दरवाजे खोल दिए हैं. जहां अब लड़कियां सैनिक, पायलट बनने का सपना पूरा कर सकती हैं.

आपको बता दें, नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के तहत 28 सैनिक स्कूल हैं. वहीं मिजोरम का यह सैनिक स्कूल देश के 26 सैनिक स्कूलों में से सबसे नया है. क्योंकि इसने पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए एक नया मिसाल कायम की है. यहां कक्षा 6 में 6 लड़कियों ने एडमिशन लिया है. बता दें. यहां लड़कियों के साथ 154 लड़कों ने भी एडमिशन लिया है.

57 साल पहले हुई पहली सैनिक स्कूल की स्थापना

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देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना साल 1961 में महाराष्ट्र में हुई थी. जिसके बाद हरियाणा के कुंजपुरा, पंजाब के  कपूरथला, गुजरात के बालाचडी और राजस्थान  के चित्तौड़गढ़ में सैनिक स्कूल खोले गए. वहीं सैनिक स्कूल शुरू होने के लगभग 57 साल बाद लड़कियों को मौका मिल रहा है.

कैसे मिला एडमिशन

सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए लड़कि्यों को एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा से गुजरना पड़ा. जहां  31 लड़कियों के साथ लड़को ने भी ये परीक्षा  दी. परीक्षा में मैथेमेटिक्स, जनरल नॉलेज, लैग्वेंज और इंटेलिजेंस के सवाल पूछे गए. जिसके बाद 21 लड़कियों को इंटरव्यू राउंड के लिए सेलेक्ट किया गया. फिर इन 21 लड़कियों में से 6 लड़कियों को चुना गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा हमारे लिए बड़ी जिम्मेदारी थी. क्योंकि हमारा ये स्कूल नया था. इस स्कूल में केवल दो बैच थे. कक्षा 6 में (60 छात्रों के साथ) और कक्षा 7 में (100 छात्र).  तो जरा सोच कर देखिए 154 लड़कों के बीच 6 लड़कियों की जिम्मेदारी कितनी बड़ी होगी. कर्नल सिंह ने बताया लड़कियों के लिए 7 मेंबर  फैकल्टी तैयार है. जिसमें (5 पुरुष और 2  महिलाएं) शामिल हैं. वहीं लड़कियों की सुरक्षा  को लेकर कई बार मीटिंग हो चुकी हैं.

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कर्नल सिंह ने बताया सबसे पहले हमने लड़कियों के हॉस्टल की सुरक्षा का इंतजाम किया. स्कूल के 212 एकड़ परिसर में पांच भवन शामिल हैं. जिसमें से सबसे छोटा भवन  लड़कियों के लिए हैं. जहां हमने एक गेम रूम भी तैयार करवाया है.

उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि लड़कियां घर जैसा ही महसूस करें. इसके साथ ही लड़कियों के हॉस्टल के पास जल्द ही सीसीटीवी कैमरा लगा दिया जाएगा. बता दें, 6 लड़कियां - छिंगछिप में से एक, ऐज़ोल  से 4, और चकमा, मिजोरम से 1 लड़की  है. ये सभी लड़कियों का एडमिशन 4 जून को हो चुका था.

कैसे होती है सैनिक स्कूल में पढ़ाई

लड़कियों का दिन सुबह 5:30 बजे शुरू होता है. जहां वह पीटी/ड्रिल के लिए तैयार होती हैं. जिसके बाद नाश्ता, कक्षा में जाना, गेम्स.  एक्सरसाइज, रात के खाने के साथ शाम 7 बजे दिन खत्म हो जाता है. बता दें, पढ़ाई के  लिए सीबीएसई से संबद्ध कोर्स की पढ़ाई भी  करते हैं.

लड़कियां यहां इंग्लिश, मैथ, हिंदी, सोशल  स्टडीज, साइंस और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करती हैं. इसकी के साथ वह तीसरी भाषा मिजो और संस्कृत पढ़ सकती है. लड़कियां बढ़ चढ़कर एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज में हिस्सा लेती हैं. हाल फिलहाल में उनका लड़कों के साथ 'जॉइट बास्केटबॉल टूर्नामेंट' था. जिसमें लड़कियों ने लड़कों को कड़ा मुकाबला दिया...

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