जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में 46 साल बाद आयोजित हुए दूसरे दीक्षांत सामारोह में एक बुजुर्ग ने मिसाल कायम की है. जिन्होंने 78 साल की उम्र में Phd की डिग्री हासिल की. इस बुजुर्ग का नाम विष्णु स्वरूप सक्सेना हैं और डाक विभाग के रिटायर कर्मचारी हैं. जब विष्णु स्वरूप सक्सेना जेएनयू के दीक्षांत समारोह में अपनी पीएचडी डिग्री हासिल करने के लिए जब मंच की ओर बढ़े तो वहां उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया.
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इस यादगार मौके पर उनका हौसला बढ़ाने के लिए उनकी पत्नी, एक बेटी और दो बेटे भी मौजूद थे. उनके दोनों बेटे विदेश में काम करते हैं और बेटी फैशन डिजाइनर हैं.
78 साल की उम्र में पीएचडी की डिग्री हासिल करने पर उन्होंने कहा- ‘पहले दिन जब मैं अगली कतार में बैठा था, एक युवती मेरे पास आई और मुझसे पूछा कि मैं अब (2008) क्यों पढ़ रहा हूं, मैं क्या करना चाहता हूं...? इस सवाल पर उनका जवाब लाजवाब था. उन्होंने कहा- 'ये सभी सवाल अप्रासंगिक हैं. जब मैं जेएनयू कैंपस में होता हूं तो 19 साल के नौजवान सा महसूस करता हूं.
बता दें, विष्णु स्वरूप साल 1998 में 58 साल की उम्र में इंडियन पोस्टल बोर्ड के सदस्य के रूप में रिटायरमेंट के बाद वह 2008 में मास्टर डिग्री के लिए जेएनयू पहुंचे और 2012 में उन्होंने यूनिवर्सिटी से एमफिल की पढ़ाई पूरी की. फिर साल 2012 से उन्होंने प्राचीन ब्रह्मी और खरोष्ठी लिपि के बारे में पीएचडी की पढ़ाई शुरू कर दी.
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विष्णु स्वरूप ने कहा- 'ब्रह्मी की प्राचीन लिपि को लेकर मेरी बहुत दिलचस्पी रही है. उनका मानना है कि ब्रह्मी को जाने बिना भारत की संस्कृति को सही से नहीं समझा जा सकता'. वहीं उन्होंने कहा- 'जेएनयू के नौजवान दोस्तों ने हमेशा मुझे अहसास करा है कि मैं मानो 19 साल का हूं'. उन्होंने कहा - 'मैं उनके साथ पार्टी करता था. इंदौर आदि जगह पर भी हम साथ घूमने गए हैं.
इसी के साथ उन्होंने जेएनयू के बारे में कहा- 'मुझे यह तथ्य सबसे प्यारा लगता है कि जेएनयू में कोई भी सवाल कर सकता है. यह खुली यूनिवर्सिटी है. यह कहते हुए मुझे अफसोस है कि सवाल उठाने की जैसी आजादी आपको जेएनयू में मिलती है वह दूसरे शैक्षाणिक संस्थान में नहीं मिलती.
वहीं 78 साल उम्र में पीएचडी डिग्री हासिल करने पर उनकी चर्चा हो रही है. उन्होंने दिखा दिया आप दिल से जवान तभी रह सकते हैं जब आप बढ़ती उम्र पर ध्यान देना छोड़ दें.