यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के सिविल सर्विसेज 2014 की परीक्षा में बिहार के कुल 83 उम्मीदवारों को सफलता मिली है. टॉप-100 में बिहार के सात उम्मीदवार हैं. बिहार के सुहर्ष भगत ने पांचवा रैंक हासिल किया है. टॉप चार रैंक पर लड़कियों ने जगह पाई है.
सुहर्ष को 2011 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस) में जगह मिली थी. इसके बाद 2012 में उनका चयन भारतीय सूचना सेवा के लिए किया गया. 2013 में सुहर्ष का चयन आईआरएस के लिए भी हुआ था. उन्हें यह तो उम्मीद थी कि उन्हें अच्छी रैंक मिलेगी मगर टॉप-5 में आने की उम्मीद नहीं थी.
सुहर्ष ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. सुहर्ष ने आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वहीं, बेगूसराय जिले के बाघा गांव में रहने वाले सरोज कुमार ने 984वां स्थान पाया है. वे फिलहाल सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हैं. सरोज के पिता किसान हैं, जबकि उनकी मां गृहिणी हैं. सरोज ने इग्नू से ग्रेजुएशन और पीजी की पढ़ाई की है. अपने सफलता के बारे में सरोज का मानना है कि अगर दो साल तक आठ घंटे लगातार पढ़ाई की जाए तो कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है.
बेगूसराय के ही आलोक कृष्ण को भी इस परीक्षा में सफलता मिली है. आलोक ने 538 वां स्थान हासिल किया है. इनके पिता हल्दी के कारोबार से जुड़े हुए हैं. इन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिला है. पहली बार ये पीटी परीक्षा में विफल रहे, दूसरी बार इंटरव्यू में निराशा हाथ लगी. लेकिन तीसरी बार सफलता ने इनका दामन थाम लिया. फिलहाल आलोक सूरत में मेटेरियल इंजीनियर हैं.