भारतीय रुपये का मूल्य गिरना अब सामान्य सी बात लगने लगी है. दुनिया के बड़े मुल्कों के आर्थिक हालात में कुछ भी तब्दीली हो तो उसका असर हमारे रुपये पर जरूर पड़ने लगता है.
यह सवाल तो हम सभी के मन में होता है कि क्यों न रुपया ही इतना मजबूत हो जाए कि डॉलर का कोई प्रभाव इस पर न पड़े लेकिन इसका हल अभी तक नहीं मिल पाया है. पिछले दिनों भारतीय गर्वनर रघुराम राजन को भी इसी तरह के सवालों का सामना करना पड़ा था. इन सवालों को पूछने वाला कोई अर्थशास्त्री नहीं बल्कि एक स्कूली बच्चा था.
दरअसर, राजन से डोंबीवली ईस्ट (मुंबई) के सिस्टर निवेदिता स्कूल में पढ़ने वाले राजेश मेहेंदे ने पूछा 'सिर्फ इस अफवाह से कि अमेरिकी सरकार फेडरल स्टिमुलस में कमी करने जा रही है, हमारे रुपये का मूल्य कम हो गया. वो दिन कब आएगा जब हमारी नीतियों के कारण दूसरे देशों पर इतना बड़ा असर होगा?'
इस सवाल को सुनने के बाद राजन काफी देर तक मुस्कुराते हुए चुप रहे और बोले कि यह एक अच्छा सवाल है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका को आर्थिक नीतियां बनाते समय विश्व के दूसरे देशों के बारे में सोचना चाहिए ताकि उसका विपरीत असर न पड़े. अगर मैं अपनी बात पर कायम रहूं तो चाहूंगा कि भारत भी ऐसी पॉलिसी बनाए, जिसका असर दीर्घकाल में दूसरे देशों पर न पड़े. मैं अंत में यही कहूंगा कि यह बहुत शानदार सवाल है और बच्चे जब तक तुम जॉब करने लगोगो, हमारा देश वाकई बहुत बड़ा हो चुका होगा. और जब तुम मेरी उम्र तक पहुंचोगे तब तक तो यह देश बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भी हो चुका होगा.