हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि विदेश में पढ़ाई करने के मामले में अमेरिका भारतीय छात्रों की पसंदीदा देश है. पर एक ताजा सर्वेक्षण में खुलासा किया गया है कि अमेरिका में बदलते हालात को देखते हुए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए भारतीय छात्रों के आवेदन में भारी कमी आई है.
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घृणा अपराधों की विभिन्न घटनाओं और ट्रंप प्रशासन की वीजा नीतियों में संभावित बदलावों को लेकर व्याप्त डर एवं चिंता के चलते अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के आवेदनों की संख्या में तेज कमी देखी गई है.
अमेरिका के 250 से अधिक कॉलेजों और
विश्वविद्यालयों में किए गए सर्वेक्षण के प्रारंभिक नतीजों
के अनुसार, इस बार पंजीकरण करवाने वाले भारतीय
छात्रों के अंडरग्रेजुएट आवेदनों में 26 प्रतिशत की और
ग्रेजुएट आवेदनों में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है.
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यह सर्वेक्षण अमेरिका के छह शीर्ष उच्च शिक्षा समूहों ने किया. ओपन डोर्स 2016 नामक इस रिपोर्ट का पूरा ब्यौरा इस सप्ताह के अंत में जारी किया जाना है.
इन उच्च शैक्षणिक संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों
की ओर से आने वाले आवेदनों में औसतन 40 प्रतिशत
की गिरावट दर्ज की है. रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका
में अंतरराष्ट्रीय छात्र पंजीकरण में भारत और चीन के
छात्रों की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत की है.
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अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय और चीनी छात्रों की संख्या लगभग पांच लाख है.
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए चीनी छात्रों की ओर से आने वाले आवेदनों में 25 प्रतिशत और ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए आने वाले आवेदनों में 32 प्रतिशत की गिरावट आई है.