गूगल दुनिया की उन कुछेक चुनिंदा कंपनियों में से हैं जिनमें हर शख्स नौकरी करना चाहता है. हैंडसम सैलरी तो मिलती ही है और वर्कलोड भी अधिक नहीं होता. आज हम आपको जिस शख्स का नाम बताने जा रहे हैं वह आंध्र प्रदेश का रहने वाला है और उसका नाम नगा कटारू है.
गूगल की नौकरी से मन उखड़ने पर वे फिल्म इंडस्ट्री की ओर चले गए. वहां भी जब उन्हें गांव में बिताए दिन याद आने लगे तो वे सब-कुछ छोड़छाड़ कर खेतों में कूद पड़े. आज वे कैलीफोर्निया में खुबानी और बादाम की खेती करते हैं. इस खेती के दम पर वे सालाना 16 से 17 करोड़ रुपये कमा रहे हैं.
कटारू के आइडिया से गूगल ने लॉन्च किया था गूगल अलर्ट
जब गूगल ने पहलेपहल अपने गूगल अलर्ट का आइडिया अपने सीनियर्स को सुनाया था तो उन्हें सिरे से खारिज कर दिया गया था. कटारू को अपने आइडिया को लेकर इतना विश्वास था कि वे अपना आइडिया लेकर गूगल के संस्थापक सदस्यों (सर्गेई ब्रिन व लैरी पेज) के पास लेकर गए. संस्थापक सदस्यों को उनका यह आइडिया बेहद पसंद आया और साल 2003 में गूगल अलर्ट लॉन्च भी कर दिया गया. आज उनके नाम से तीन पेटेंट भी दर्ज हैं.
गूगल की नौकरी छोड़ कर खेती में कूद गए
वैसे तो लोग गूगल में नौकरी करने के सपने देखते हैं, लेकिन कटारू का गूगल से भी मोहभंग हो गया. यहां से वे फिल्म इंडस्ट्री की ओर रुख कर गए. कुछ नया और अलग करने की चाहत में कटारू इंजीनियरिंग का धंधा छोड़ कर डॉक्यूमेंट्री, इम्प्रोव थियेटर और लघु फिल्मों में काम करने लगे. धीरे-धीरे वे यहां से भी अनमने होने लगे और उन्हें गांव की याद सताने लगी.
कटारू ने अपना बचपन आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के गंपालागुडम गांव में बिताया था. अचानक उन्हें खेती करने का आइडिया सूझा. उन्होंने कैलीफोर्निया में 320 एकड़ का फार्म खरीदा और खेती शुरू कर दी. वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए करते हुए सालाना 16 से 17 करोड़ रुपये कमा रहे हैं.
कटारू अभी भी दिमाग का एक ही हिस्सा इस्तेमाल करते हैं
कटारू कहते हैं कि वे अभी भी उनके दिमाग का सिर्फ एक हिस्सा इस्तेमाल में ला पाए हैं, और अब वे उनके दिमाग के दूसरे हिस्से का इस्तेमाल करना चाहते हैं. वे तकनीक के प्रेमी हैं और हमेशा कुछ नया करने में विश्वास करते हैं. आज वे कैलीफोर्निया में बादाम की खेती कर रहे हैं और कैलीफोर्निया के बादाम पूरी दुनिया में मशहूर हैं.