सक्सेस स्टोरी में हम बात कर रहे हैं अभिनव सिंह की. जिन्हें दुनिया ट्रैवल ब्लॉगर के तौर पर जानती हैं. बता दें, अभिनव भारत के टॉप ट्रैवल ब्लॉगर और फोटोग्राफर के लिस्ट में गिने जाते हैं. वह 'पेटा' के लिए फोटोग्राफी कर चुके हैं, उनकी फोटोज नेशनल जियोग्राफिक ट्रैवलर में पब्लिश हो चुकी हैं. कुछ साल पहले उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था जिसके बाद वह डिप्रेशन के शिकार हो गए थे. लेकिन अपने सच्ची मेहनत और लगन के वजह से आज वह देश के फेमस ट्रैवल ब्लॉगर और फोटोग्राफर के तौर पर जाने जाते हैं.
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कैसे शुरू हुआ सफर
वो बेहद बुरा समय था जब अभिनव बुरी तरह से डिप्रेशन के शिकार हो गए थे. ना उनके पास पैसे थे, ना नौकरी और ना कुछ करने की इच्छा बाकी रह गई थी. उनके मन में हर वक्त मन में आत्महत्या का ख्याल आता था. नौकरी से निकाले जाने के बाद हालात ये थी कि वह लोगों से मिलने और बात करने से भी हिचकते थे.
लेकिन कहते हैं कि हर बुरे वक्त का अपना एक समय होता है, जो गुजर जाता है. अभिनव साल 2008 से ट्रैवलिंग कर रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने सास 2012 में पहली बार ट्रेकिंग की. शुरुआत की महाराष्ट्र के मॉनसून ट्रेक से और जिसके बाद उन्हें ट्रेकिंग से हमेशा का लिया लगाव हो गया. साल 2014 में उन्हें 7 साल की नौकरी से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि मैं टूर के लिये बहुत ज्यादा छुट्टियां लेते थे. जिसके बाद वह डिप्ररेशन के लिए शिकार हो गए थे.
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अभिनव करीब 10 सालों से ट्रैवलिंग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ट्रैवल ने न केवल उन्हें सिर्फ जीना सीखाया, बल्कि लोगों से मिलने और बात करने की हिचक को भी दूर भगा दिया. साथ ही मुझे ज़िंदगी के कई अहम पड़ावों से लड़ना सिखाया. अभिनव 'A Soul Window' की वेबसाइट पर ट्रैवलिंग राइटिंग करते हैं.
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इतना आसान नहीं होता ट्रैवल ब्लॉगर बनना
लोगों को लगता है कि जो ट्रैवल ब्लॉगर होते हैं उनका काम बहुत मजे का होता है, लेकिन कई बार वह भूल जाते हैं कि ट्रैवल करना कितना मुश्किल होता है. कई बार पैसे नहीं होते, भूखे पेट सोना पड़ता है. अभिनव कहते हैं कि ट्रैवल ब्लॉगर को हर दिन संघर्षों भरा एक लंबा रास्ता पार करना होता है.
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अभिनव आज सक्सेसफुल ट्रैवल ब्लॉगर हैं. उनका कहना है कि भारत में खास तौर पर परिवार के दबाव में कई लोग अपने सपनों से दूर हो जाते हैं, जिम्मेदारियां उन्हें उनकी चाहतों से दूर कर देती है. पर सबकुछ करते हुए अपने सपनों के लिए समय जरूर निकालें.