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नहीं बनना है इंजीनियर, बंद हो जाएंगे देश में 200 इंजीनियरिंग कॉलेज!

जो कॉलेज बंद होने वाले हैं उनके मौजूदा बैच के छात्रों की पढ़ाई जारी रहेगी.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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एक समय था जब इजीनियरिंग पढ़ने वाले छात्रों की संख्या काफी ज्यादा थी. वहीं अब ताजा आंकड़ों के अनुसार इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है. कमी की वजह छात्रों की दिलचस्पी बताई जा रही है, जो धीरे-धीरे खत्म हो रही है. जिसके वजह से 200 इंजीनियरिंग कॉलेज को बंद करने का फैसला लिया जा रहा है.

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्न‍िकल एजुकेशन (AICTE) के अनुसार करीब 200 इंजीनियरिंग कॉलेजों ने बंद करने के लिए आवेदन दिए हैं. जिसके बाद दूसरे-तीसरे दर्जे के ये इंजीनियरिंग कॉलेज अब किसी भी छात्र को एडमिशन नहीं दे सकते. फिलहाल अभी आधिकारिक तौर पर इन 200 कॉलेज के नाम घोषित नहीं किए गए हैं.

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पुराने छात्रों की जारी रहेगी पढ़ाई

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AICTE के चेयरपर्सन अनिल साहस्रबुद्धे ने टाइम ग्रुप को बताया, जो कॉलेज बंद होने वाले हैं उनके मौजूदा बैच के छात्रों की ग्रेजुएशन पूरी नहीं होती है तब तक पढ़ाई जारी रहेगी. वहीं इस साल से ये कॉलेज किसी भी छात्रों को एडिमशन नहीं दे सकते. यानी साफ है जैसे ही इन कॉलेज के मौजूदा कोर्स खत्म होगा उसके बाद इन सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को बंद कर दिए जाएगा.

सीटों में गिरावट

टाइम्स ग्रुप के अनुसार 200 कॉलेज के बंद हो जाने के बाद इंजीनियरिंग की सीटों में भी गिरावट आएगी. इस साल करीब 80,000 सीटों में गिरावट आ सकती है. अनुमान है और 2018-19 समेत चार सालों के अंदर इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब 3.1 लाख सीटें कम हो जाएंगी.

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साल 2012- 2013 से इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में करीब 1.86 लाख की कमी आई है. जिसके बाद साल 2016 से पाया गया कि हर साल इंजिनियरिंग में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.वहीं AICTE के मुताबिक, हर साल करीब 75,000 छात्र कम हो रहे हैं. इंजीनियरिंग में अंडरग्रेजुएशन कर रहे छात्रों में कमी देखने को मिली. साल 2016-17 में अंडरग्रेजुएट में एडमिशन लेने की क्षमता 15,71,220 थी वहीं सिर्फ 7,87,127 छात्रों ने एडमिशन लिया. जिसके बाद एडमिशन में 50 फीसदी गिरावट पाई गई. वहीं 2015-2016 में 16,47,155 छात्र ले सकते थे लेकिन सिर्फ 8,60,357 छात्रों ने एडमिशन लिया. जहां एडमिशन में 53 फीसदी गिरावट पाई गई.

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वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (IIT) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (NIT) में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. एक वरिष्ठ एचआरडी अधिकारी ने बताया कि जो कॉलेज बंद होने वाले हैं, ज्यादातर छात्र उन कॉलेज को पसंद नहीं करते हैं. इंजीनियरिंग के लिए वह इन कॉलेज को अच्छा नहीं समझते हैं. जिसके बाद ज्यादा इंजीनियरिंग छात्र IIT और NIT में एडमिशन लेना चाहते हैं.

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