उम्र महज 11 साल और कारनामे ऐसे जो बड़े-बड़ों को पीछे छोड़ दे. हम बात कर रहे हैं पिछले सप्ताह Mensa लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने वाले अखिलेश चंदोरकर की. अखिलेश दुनिया के टॉप दो फीसदी बुद्धिमान लोगों में से एक हैं. आश्चर्य की बात यह है कि अखिलेश ने अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग की तरह Mensa में 160 अंक पाया है.
क्या है Mensa
इसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1946 को हुई थी. यह विश्व का सबसे बड़ा और पुराना high IQ society है. यह बुद्धिमान लोगों के लिए नॉन-प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन है. इसका हेडक्वार्टर Slate Barn, Church Lane, Caythorpe, Lincolnshire, England में है.
कौन हैं अखिलेश
11 वर्षीय अखिलेश नागपुर के निवासी हैं. वह जैन इंटरनेशनल स्कूल का स्टूडेंट है. जून में हुए Mensa टेस्ट में उसे 160 नंबर मिले हैं. एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश कहते हैं, 'मैं 140 की उम्मीद कर रहा था. लेकिन ये बहुत ज्यादा है. टेस्ट के बाद हम रोज ई-मेल देख रहे थे कि रिजल्ट आया है या नहीं. लेकिन अश्चर्य की ही बात है कि रिजल्ट पोस्टल मेल के द्वारा आया.'
अखिलेश की सफलता पर मां को है गर्व
बचपन से ही हम जानते थे कि ये स्पेशल है. चार साल की उम्र से ही ये jigsaw puzzles को हल कर देता था और Lego block design को अरैंज कर देता था. जो अमूमन 9 साल के बच्चे कर पाते हैं. ये बहुत उत्साह के साथ पढ़ता भी है. Mensa टेस्ट देने के लिए उम्मीदवार को 10 साल का होना चाहिए और जब अखिलेश 10 साल का हुआ तो हमने निर्णय लिया कि इसे टेस्ट देना चाहिए.
भविष्य की योजनाएं
अखिलेश कहते हैं, मैं एस्ट्रोनॉमर बनना चाहता हूं. मैं अभी से ही black holes की थ्योरी पढ़ रहा हूं.