वैसे तो अमर्त्य सेन को आज पूरा देश बेहद सम्मान भरी नजरों से देखता है. जिनके कहे गए शब्दों पर हमारे देश के आला नेता और नौकरशाह संज्ञान लेते हैं. मगर ऐसा कम ही लोग जानते हैं कि उन्हें भारत रत्न मिलने से पहले ही अर्थशास्त्र के नोबेल से नवाजा जा चुका था. वे आज भी एक बेहतरीन मल्टीटास्कर के तौर पर जाने जाते हैं. वे साल 1933 में 3 नवंबर के रोज ही जन्मे थे.
1. उन्हें अपना नाम रवींद्रनाथ टैगोर से मिला. संस्कृत में उनके नाम का मतलब अमरत्व पा चुका शख्स है.
2. उनकी पहली किताब कलेक्टिव चॉइस एंड सोशल वेलफेयर ने उन्हें छात्रों, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं के बीच अलग मुकाम दिया.
3. उन्हें लिबरल अमेरिका के स्तंभों में गिना जाता है. जिनमें उनके साथ जॉन के गेलब्रेथ, पॉल सेमुअलसन और रॉबर्ट सोलो है.
4. वे हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स और फिलॉसफी पढ़ाते हैं और नालंदा यूनिवर्सिटी के चांसलर भी रहे हैं.
5. वे कहते हैं कि हमें अपनी विविधता और खुलेपन पर गर्व होना चाहिए, शर्म नहीं आनी चाहिए.