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DU एकेडमिक काउंसिल ने 43 सब्जेक्ट को दी मंजूरी

डीयू एकेडमिक काउंसिल ने बुधवार को हुई बैठक में सभी 43 सब्जेक्ट और 11 फाउंडेशन कोर्स के सिलेबस को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही तन-मन स्वस्थ रखने के लिए एक कंपल्सरी पेपर भी जोड़ा है.

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डीयू एकेडमिक काउंसिल ने बुधवार को हुई बैठक में सभी 43 सब्जेक्ट और 11 फाउंडेशन कोर्स के सिलेबस को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही तन-मन स्वस्थ रखने के लिए एक कंपल्सरी पेपर भी जोड़ा है. IMBH यानी Integrated Mind Body and Heart को पढ़ना सभी के लिए जरूरी होगा, लेकिन इसके अंक नहीं जुड़ेंगे. पॉलटिकल साइंस में एक कंप्लीट पेपर भीम राव अंबेडकर पर भी तैयार किया गया है.

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डीयू में मंगलवार को तकरीबन 12 घंटे तक चली बैठक में कोर्स के सिलेबस और एडमिशन प्रक्रिया पर चर्चा की गई. अब जिन कोर्सेज पर मंजूरी मिलनी बाकी हैं उनमें से 11 फाउंडेशन कोर्स और एक इंटीग्रेटेट कोर्स शामिल हैं.

मंगलवार को बैठक में फैसला लिया गया कि साइक्लोजी को अब बी.टेक साइक्लोलॉजी साइंस के तौर पर जाना जाएगा. बैठक में 124 सदस्यों में से 6 से 7 सदस्यों ने सिलेबस को लेकर अपनी असहमति जाहिर की.

नियमों के मुताबिक कोई भी नया कोर्स लागू करने से पहले यूजीसी से कम से कम 6 महीने पहले मंजूरी लेना जरूरी है. डीयू ने नए डिग्री प्रोग्राम के मामले में यह मंजूरी नहीं ली है, जबकि प्रोग्राम इसी साल से लागू होना है.

क्‍या है चार साल का डिग्री प्रोग्राम
12 वीं की परीक्षा के बाद दिल्ली और देशभर के स्टूडेंट्स दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर देखते है, लेकिन इस बार चार साल के कोर्स को लेकर कंफ्यूज़न है. पहले डीयू के छात्रों को 6 सेमेस्टर पढ़ने होते थे पर अब छात्रों को 8 सेमेस्टर पढ़ने होंगे.सभी छात्रो को 8 सेमेस्टर में कंप्लसरी 11 फाउंडेशन सबजेक्ट्स पढ़ने होगें. डिसीप्लीन-1 में 20 सबजेक्ट होंगे, जो कि सबजेक्ट स्पेसिफ्क होगे. डिसीप्लीन 2 में 06 सबजेक्ट्स पढ़ने होंगे. इसके साथ ही वेल्यू बेस्ड ऐजुकशन और एनएसएस/ एनसीसी को भी महत्व दिया जायेगा.

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इस प्रोग्राम में तीन एग्जिट प्‍वांइट
इस 4 साल के डिग्री कोर्स में तीन एग्जिट प्‍वाइंट है. दो साल पढ़ने के बाद अगर कोई छात्र कोर्स छोड़ना चाहता है तो उसे डिप्लोमा सर्टिफिकेट मिलेगा. तीन साल में छोड़ने पर बैचलर डिग्री और 4 साल का कोर्स पूरा करने पर आनर्स डिग्री या बीटेक की डिग्री मिलेगी. छात्रों को डिसीप्‍लीन सब्जेक्ट चुनने की आजादी होगी. बशर्ते वो कट-आफ लिस्ट में आए. एकेडमिक काउंसिल के सदस्‍य संजय कुमार ने कहा, 'साइंस सब्जेट बीटेक की डिग्री मिलेगी, जिससे स्टूडेंट्स को नौकरी मिलने का मौका मिलेगा.'

शिक्षकों का विरोध
4 साल के डिग्री प्रोग्राम की घोषणा के साथ ही इसका विरोध भी हो रहा है. डूटा समेत टीचर्स का एक बड़ा तबका इस प्रोग्राम के विरोध में खड़ा है. डीयू के इन टीचर्स का विरोध महीनों से जारी है. आरोप है कि डीयू वीसी जल्दबाज़ी में यूनिवर्सिटी पर 4 साल का डिग्री प्रोग्राम थोपना चाहते हैं. यहां तक कि इसको लागू करने में भी तमाम निय़म-कायदों का उल्लंघन किया गया है.

मसलन 4 साल के डिग्री प्रोग्राम को लागू करने के फैसले से पहले ना तो टीचर्स और ना ही छात्रों से फीडबैक लिया गया. यहां तक कि एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल से भी चर्चा नहीं की गई, जो कि जरूरी है. डीयू वीसी ने अपनी इमरजेंसी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए इस प्रोग्राम को लागू किया. सेंट स्टीफेंस कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर नंदिता नारायण का कहना है कि जल्दबाजी में नियमों को तोड़कर इसको लागू किया गया. नॉन स्टैटिचुरी बॉडी बनाकर इसको लागू करने की घोषणा की गई.

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सिलेबस से असंतुष्‍ट शिक्षक
विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि इस प्रोग्राम को लागू करने के फैसले के बाद सिलेबस बनाने में भी नियमों का उल्लंघन किया गया. सिलेबस बनाने के लिए डीयू प्रशासन ने किसी भी डिपार्टमेंट से बात नहीं की. बल्कि जिस सिलेबस को बनाने में आमतौर पर सालों का वक्‍त लगता है. उसको तैयार करने के लिए डीयू ने तमाम डिपार्टमेंट्स को एक महीने में तैयार करने का आदेश जारी कर दिया.

अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बनेगी DU की पहचान
डीयू प्रशासन का दावा है कि 4 साल का डिग्री प्रोग्राम लागू होने के बाद डीयू अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना पाएगा.
क्‍या है कोर्स में खास
- नये प्रोग्राम में थ्योरी पर कम, प्रेकटिकल और रिसर्च पर ज्यादा जोर दिया गया है.
- छात्रों को पढाई के साथ hands on ट्रेनिंग और प्रेजेंटेशन पर भी ध्यान देना होगा. इससे छात्रों का overall developement होगा.
- 4 साल में ऑनर्स डिग्री देने का मकसद है ग्रेजुएशन सिस्टम को अमेरिका और यूरोपियन देशों की तर्ज पर बनाया जा सके.
- सांइस के छात्रो को बीटेक की डिग्री मिलेगी. बीटेक की डिग्री को छात्रों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. इसके अलावा कई नये कोर्स लाये जा रहे हैं.
- इस चार साल की ग्रेजुएशन के बाद अगर कोई छात्र डीयू से ही मास्टर्स करना चाहता है तो मास्टर्स एक ही साल में कर पायेंगे.
- कोर्स को इस तरह से बना गया है कि फाउंडेशन कोर्स में हर छात्र हर बेसिक सब्जेक्ट की जानकारी रखे. इसके साथ ही एनएसएस और एनसीसी के लिए छात्रो को एक्सट्रा क्रेडिट भी मिलेगा. इसके अलावा हर साल सिलेबस को अपडेट किया जायेगा.

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