नासा ने चंद्रमा पर सबसे पहले कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग के सम्मान में अपने फ्लोरिडा के जॉन एफ केनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित ऐतिहासिक इमारत का नाम 'नील आर्मस्ट्रांग ऑपरेशंस एंड चेकआउट बिल्डिंग' रखा है. जॉन एफ केनेडी अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण 1963 में अपोलो मून कार्यक्रम के लिए किया गया था.
फिलहाल इस इमारत का उपयोग प्रथम ओरियन अंतरिक्ष यान को एसेम्बल करने में किया जा रहा है. नासा को आशा है कि यह अंतरिक्ष यान भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर चंद्रमा और मंगल से आगे अंतरिक्ष की सैर कराएगा।
यान को एसेम्बल किया जा रहा है और इसका दिसंबर में परीक्षण किया जाएगा.
नासा के उड़ान इंजीनियर रीड वाइसमैन ने आर्मस्ट्रांग का आभार जताते हुए कहा, 'हमारे देश को इस रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए आपका धन्यवाद. आप न होते, तो आज मैं भी यहां नहीं होता. आपकी वजह से मेरे सपने सच हुए. आपका शुक्रिया.'
आर्मस्ट्रांग के बाद चंद्रमा पर उतरने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री बज एल्ड्रिन ने कहा, 'मुझे लगता है कि नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए चयनित होने वालों में से वह सबसे योग्य, सबसे बेहतरीन पायलट थे.'
आर्मस्ट्रांग, एल्ड्रिन और कॉलिंस ने 16 जुलाई, 1969 को चंद्रमा की यात्रा शुरू की थी.
अभियान में कॉलिंस चंद्रमा के कक्ष के पास अंतरिक्ष यान के अंदर रुके थे और आर्मस्ट्रांग एवं एल्ड्रिन 20 जुलाई, 1969 को चंद्रमा पर उतरे थे.
आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर अपने पहले कदम को 'मानव जाति की लंबी छलांग' कहा था.
आर्मस्ट्रांग इमारत में नासा के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए कमरे भी बने हैं, जहां वह अंतरिक्ष उड़ान से पहले रात गुजारते हैं.