रोहतक से ऑल इंडिया प्री-मेडिकल और प्री-डेंटल टेस्ट 2015 पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया एक मास्टरमाइंड 2011 के ऑल इंडिया इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स)पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस एग्जाम पेपर लीक मामले भी शामिल था. रोहतक के आईजी श्रीकांत ने बताया कि रवि कुमार जिसे पुलिस ने 4 मई को रोहतक से गिरफ्तार किया था वो इससे पहले भी दो पेपर लीक मामलों को अंजाम दे चुका है.
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा का रहने वाला रवि पीजीआईएमएस रोहतक का एमबीबीएस का स्टूडेंट है. पुलिस की मानें तो वो कई एग्जाम के पेपरों को लीक करने का रैकेट चलाता है. पुलिस का कहना है कि उसके तार 2011 के एम्स पेपर लीक मामले और 2012 के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पेपर लीक मामले से भी जुड़े हैं.
पुलिस के अनुसार रवि को आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में महारत हासिल थी. वो एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स से करीब 25-35 लाख तक वसूलता था. यही नहीं वो इतना शातिर था कि एग्जामिनेशन सेंटर पर फर्जी उम्मीदवार को भेजकर पेपर को स्कैन करवा लेता था. इसके बाद अपने कंट्रोल रूम से पेपर देने वाले कैंडिडेट्स को मोबाइल के जरिए आंसर भेजता था.