फर्जी डिग्री मामलों में अक्सर कई नेताओं के नाम सामने आते रहे हैं. इस बार भी यहां एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के समाज कल्याण मंत्री आसिया नकाश ने ग्रेजुएट होने से पहले ही एल.एलबी. की डिग्री हासिल कर ली.
पहली नजर में ही चौंकाने वाली यह जानकारी चीफ इलेक्टोरल अफसर (जम्मू- कश्मीर) की आधिकारिक वेबसाइट से हासिल हुई है. जिसमें आसिया की ओर से भरे गए एफिडेविट हैं, जिनमें उनकी सभी जानकारी उपलब्ध है. आसिया से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बात की पुष्टि विश्वविद्यालय से प्राप्त करें.
उनके मुताबिक यह टाइपिंग में गड़बड़ी हो सकता है. वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक आसिया ने वर्ष 1992 में पहले बैचलर ऑफ लॉ किया और बाद में वर्ष 1996 में बीए. वेबसाइट के अनुसार आसिया ने जो एफिडेविट भरा है. उस एफिडेविट के सीरियल नंबर 10 के पार्ट-1 में भरे गए ब्यौरे के मुताबिक वर्ष 1996 में उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से बीए किया है, जबकि पार्ट-2 में उन्होंने लिखा है कि वर्ष 1992 में उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) की डिग्री हासिल की है.
सवाल यह है कि कोई ग्रेजुएट होने से पूर्व कैसे कानूनी शिक्षा प्राप्त कर सकता है. हालांकि अब इसका भी प्रावधान है कि 12वीं कक्षा के बाद कानूनी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है. इसके लिए पांच साल का कोर्स है, लेकिन जिस वर्ष में आसिया नक्काश ने कानूनी शिक्षा प्राप्त की है, उस समय यह कोर्स कश्मीर विश्वविद्यालय में शुरू ही नहीं हुआ था.