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15 साल की बक्‍शो ने नंगे पांव रेस में हिस्‍सा लेकर जीता गोल्‍ड मेडल

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित ईसपुर गांव की 9वीं की छात्रा बक्शो देवी के पास है गजब की हिम्‍मत. जो करनामा इस लड़की ने कर दिखाया है, उसे सुनकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेता है.

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जिंदगी में आप चाहे कितनी ही मुश्किलों से घिरे हों लेकिन आपने किसी काम को पूरा करने की ठान ली है तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता है. ऐसे ही मजबूत जज्‍बे की मिसाल है बक्शो देवी.

भले ही बक्‍शो के पिता नहीं हैं, उसकी आर्थिक हालात तंग है ,और तो और वह पित्ताशय की पथरी से भी पीड़ित है. लेकिन हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित ईसपुर गांव की नौवीं कक्षा की छात्रा बक्शो देवी के पास है गजब की हिम्‍मत, जिसके आगे ये सारी परेशानियां औंधे मुंह गिरी दिखाई देती है.

आज वह सोशल मीडिया और खेल जगत में छाई हुई है क्‍योंकि उसने 22 दिसम्बर को सरकार की ओर से जिला स्तरीय स्कूल एथेलेटिक्स में 5,000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है. जानते हैं, इस रेस में वह नंगे पैर दौड़ी थीं.

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परिवार की निम्न आर्थिक क्षमता के कारण बक्शो देवी को दौड़ के लिए जूते भी नसीब नहीं हुए, लेकिन उसने नंगे पांव दौड़ कर ही जीत हासिल कर ली. चार बहनों में सबसे छोटी बक्शो ने पहली बार दौड़ में हिस्सा लिया था और प्रतियोगिता के आखिरी वक्‍त में उसे पित्ताशय के तेज दर्द भी उठ गया था लेकिन उसने हिम्‍मत नहीं हारी और रेस जीत ली.

जब बक्शो से उसके भविष्‍य के सपने के बारे में पूछा गया तो उसने बताया , 'मैं पी.टी. उषा बनना चाहती हूं, वह मेरी प्रेरणा हैं.'

बक्शो के पिता की मृत्‍यु नौ वर्ष पहले हो गई थी. इस वजह से परिवार के लिए कमाने में मां की मदद के लिए वह पढ़ाई के साथ ही घर के काम में भी मदद करती है. भले ही उसे उपनी उम्र की आम एथलेटिक्स की तरह अच्छा खाना न मिलता हो, लेकिन उसकी दृढ़ता में कोई कमी नहीं है.

उसकी मां बिमला देवी ने कहा कि वह उसके लिए दौड़ने के जूते और दौड़ की पोशाक नहीं जुटा पाईं और वह स्कूल की ड्रेस में ही रेस में शामिल हुई. उन्होंने कहा, 'अब कई लोगों व संगठनों से मदद मिल रही है और वह अब स्‍टेट चैंपियनशिप में अपनी स्‍पोर्ट्स ड्रेस और जूतों के साथ हिस्सा लेगी.' बिमला देवी ने कहा, 'लड़कियां, लड़कों से किसी भी मामले में कम नहीं होतीं.' उन्होंने साथ ही कहा कि सोलन शहर के एक चिकित्सक ने सोशल मीडिया पर उसकी कहानी देखकर उसकी पित्ताशय की पथरी के उपचार का खर्च उठाने की पेशकश की है.

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राज्य कांग्रेस प्रमुख सुखविंदर सिंह ने आश्वासन दिया है कि अगर वह खिलाड़ी बनना चाहती है तो उसकी हर तरह से मदद की जाएगी. उन्होंने साथ ही इस साहसी और दृढ़ निश्चयी लड़की के लिए 11,000 रुपये पुरस्कार की घोषणा की है. सिंह ने कहा, 'उसने साबित किया है कि दृढ़ निश्चय और सतत प्रयास से जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है.' उन्होंने राज्य सरकार से भी उसे हर संभव मदद देने का आग्रह किया है.

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