दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के लिए नयी परेशानी पैदा करते हुए बार काउन्सिल ऑफ इंडिया ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर अनुमति से अधिक छात्रों की संख्या, आधारभूत संरचना और संकाय के अभाव समेत उसके कामकाज में अवैधताओं पर स्पष्टीकरण देने को कहा.
एक अप्रत्याशित कदम के तहत देश में विधि शिक्षा और कानून के पेशे का नियमन करने वाली शीर्ष संस्था बीसीआई ने 2014 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि पाठ्यक्रम की मान्यता समाप्त करने का फैसला किया था, जब वह अपने तीनों केंद्रों, कैंपस लॉ सेंटर, लॉ सेंटर-1 और लॉ सेंटर-2 की संबद्धता बढ़ाने की मांग समय पर करने में विफल रहा.
हालांकि, बीसीआई ने 2014-15 के सत्र के लिए संबद्धता अस्थायी तौर पर बढ़ा दी थी जब डीयू ने प्रस्ताव दिया था कि वह केंद्रों को नयी इमारत में स्थानांतरित करेगी जिसमें फैकल्टी को चलाने के लिए पर्याप्त स्थान है.
यह कारण बताओ नोटिस पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल नरसिंह रेड्डी के नेतृत्व में बीसीआई के एक पैनल के नए सिरे से निरीक्षण करने के बाद आया है. पैनल ने कहा कि नए उल्लंघनों के अलावा पहले उजागर की गई अवैधताओं को भी दूर नहीं किया गया. फैकल्टी ऑफ लॉ के डीन अश्विनी कुमार बंसल इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.