भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है. इसकी स्थापना 28 दिसम्बर,1885 में की गई थी. वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चन्द्र बैनर्जी पार्टी के पहले अध्यक्ष चुने गए थे. ये कहना गलत नहीं होगा कि जो कांग्रेस पार्टी आज सोनिया-राहुल संभाल रहे हैं, उसकी नींव कभी इन जनाब ने रखी थी. जानतें है उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें.
1. व्योमेश चन्द्र बैनर्जी का जन्म 29 दिसम्बर 1844 को कलकत्ता के एक उच्च मध्यम वर्ग के कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
2. उनके पिता कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायवादी थे.
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3. 1859 में उनकी शादी हेमांगिनी मोतीलाल के साथ हुई. फिर साल 1862 डब्ल्यू.पी. अटोर्नीज़ ऑफ़ कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट में लिपिक की नौकरी की.
4. 1864 में उन्हें बम्बई के आर.जे. जीजाबाई ने छात्रवृत्ति के साथ इंग्लैण्ड भेजा. 1868 में अपनी कोलकाता वापसी पर उन्हें सर चार्ल्स पॉल, बैरिस्टर-एट-लॉ, कलकत्ता उच्च न्यायालय में नौकरी मिली.
5. कुछ ही समय में वो उच्च न्यायालय के जाने-माने वकीलों में से एक हो गये. वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के President of law faculty अध्यक्ष भी रहे.
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6. व्योमेश, अंग्रेजी चाल-ढाल के इतने कट्टर अनुयायी थे कि इन्होंने स्वयं अपने पारिवारिक नाम 'बैनर्जी' का अंग्रेजीकरण करके उसे बोनर्जी कर दिया. उन्होंने अपने पुत्र का नाम भी 'शेली' रखा, जो कि अंग्रेजों में अधिक प्रचलित था. लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी हृदय से वे सच्चे भारतीय थे.
7. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1885 ई. में हुए प्रथम अधिवेशन के वे अध्यक्ष चुने गये थे. इसके बाद उन्हें दोबारा भी इलाहाबाद में 1892 ई. में हुए कांग्रेस अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया था.
8. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1902 ई. में वे इंग्लैंड जाकर बस गये. 1906 में अपनी मृत्यु के अंतिम समय भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आंदोलन को ये बढ़ावा देते रहे.
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9. देश में चले राष्ट्रीय आंदोलन के शुरुआती दौर के अहम किरदारों में से एक थे. उन्होंने ब्रिटिश संसद में भी दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे.
10. उन्होंने साल 1893 में बैनर्जी ने दादाभाई नौरोजी और बदरुद्दीन तैय्यबजी के साथ मिलकर इंग्लैंड में इंडियन पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन भी किया.
11. दिग्गज नेता और राष्ट्रवादी व्योमेश चन्द्र बनर्जी ने 21 जुलाई साल 1906 को दुनिया को अलविदा कह दिया था.