12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 18 साल की सतपर्णा मुखर्जी को नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने टॉप स्कॉलरशिप गोगार्ड इंटर्नशिप प्रोग्राम (जीआईपी) दी है.
स्कॉलरशिप के बारे में:
गोगार्ड स्कॉलरशिप नासा की टॉप स्कॉलशिप में से एक है. इसके लिए हर साल पांच बेस्ट स्टूडेंट्स का चुनाव किया जाता है.
शिक्षा:
कोलकाता से 30 किमी दूर स्थित गांव में रहने वाली सतपर्णा इस साल मध्यग्राम के सेंट जुड़े स्कूल से 12वीं की परीक्षा देंगी. स्कॉलरशिप मिलने के बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी करेगी. लंदन स्थित नासा के एस्ट्रोबायोलॉजी सेंटर में वह नासा फैकल्टी के रूप में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेगी.
पिता ने किया सपोर्ट:
सतपर्णा के पिता प्रदीप मुखर्जी स्कूल में हेडमास्टर हैं. अपनी बेटी की कामयाबी से खुश प्रदीप से जब पूछा गया कि वह कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने बेहद सरल शब्दों में अपनी बात रखी कि मैं बहुत खुश हूं. बेटी की पढ़ाई का सारा खर्च नासा उठाएगा लेकिन उसे भेजने के लिए पैसों का इंतजाम हमें करना है. हालांकि इतने पैसे तो नहीं हैं हमारे पास मगर मैं लोन लेकर उसके हर सपने को पूरा करूंगा.
कहां से मिला इस सुनहरे मौके का अवसर:
सतपर्णा सबसे पहले सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक ग्रुप की मेंबर बनी थी, जिसमें कुछ साइंटिस्ट्स भी थे. एक दिन उन्होंने 'ब्लैक होल थ्योरी' पर अपने विचार पोस्ट किए. इनको पढ़ने के बाद साइंटिस्ट्स ग्रुप के एक मेंबर ने सतपर्णा को नासा की ऑफिशियल वेबसाइट पर इन विचारों को पोस्ट करने की सलाह दी थी. इसके लिए सतपर्णा को काफी सराहना मिली थी.