क्या आपने कभी ऐसा कोई मामला देखा है जब पेपर देने छात्र पहुंच जाएं, पर टीचर्स के पास क्वेश्चन पेपर ही ना पहुंचे. जी हां, ऐसा हुआ है.
ये मामला है तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का. खबरों के मुताबिक, बिहार की इस यूनिवर्सिटी में एमए करने वाले छात्रों का पेपर कैंसल कर दिया गया. पेपर कैंसिल करने का कारण पेपर का लीक होना नहीं बल्कि क्वेश्चन पेपर ही ना छप पाना था.
बिहार: यूनिवर्सिटी की परीक्षा में खुलेआम नकल, टीचर के सामने ही धड़ल्ले से चोरी
खबरों के अनुसार, हिंदी से एमए कर रहे 94 छात्रों को प्रश्न पत्र नहीं बांटे जा सके. कारण बताया गया कि प्रिंटिंग प्रेस तक पेपर नहीं पहुंच पाया और इस कारण उसे प्रिंट ही नहीं कराया जा सका. बस फिर क्या था, छात्रों को लौटा दिया गया और पेपर कैंसिल कर दिया गया.
क्या बोल रही है यूनिवर्सिटी
एक अखबार के हवाले से कहा गया है कि यूनिवर्सिटी के कुलपति नलिनीकांत झा ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और संबंधित स्टाफ को 'कारण बताओ' नोटिस जारी कर दिया है.
अब इस परीक्षा की अगली तारीख इसी माह 22 अप्रैल को निर्धारित की गई है.