आजादी के आंदोलन में हमारे देश के कई लड़ाकों ने अपने प्राणों की आहुति दी. उनमें से एक थे बटुकेश्वर दत्त. वे भगत सिंह की बनाई गई हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के अहम सदस्य थे. उनका निधन साल 1965 में 20 जुलाई के रोज हुआ था.
1. उन्होंने 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह के साथ सेंट्रल असेंबली में दो बम फेंके और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए गिरफ्तारी दी.
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2. जेल में भारतीय कैदियों से होने वाले भेदभाव के खिलाफ भगत और दूसरे साथियों के साथ भूख हड़ताल की.
3. वे भगत और चंद्रशेखर के सबसे करीबी साथियों में से एक थे. वे बंगाल में पैदा हुए थे और कानपुर से पढ़े थे.
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4. काला पानी की सजा काटने के बाद बाहर आने पर उन्हें टीबी जैसी गंभीर बीमारी ने घेर लिया. इसके बावजूद वे महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सेदार रहे.
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5. वे साल 1965 में दुनिया से रुखसत हो गए. उनका अंतिम संस्कार फिरोजपुर के हुसैनीवाला में किया गया. जहां भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की समाधि है.