काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्र संघ की बहाली को लेकर गुरूवार व शुक्रवार को हुए बवाल की जिम्मेदारी खुद विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव संगल ने ली है. उन्होंने शुक्रवार देर रात पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच करायी जाएगी.
इस बीच शनिवार को एहतियात के तौर पर बीएचयू को बंद रखा गया है. ज्ञात हो कि बिरला और ब्रोचा हॉस्टल के छात्रों ने शुक्रवार को एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया. घायल छात्रों की संख्या 26 पहुंच गई है, जिसमें से एक छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है. कुलपति ने कहा है कि पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठी चार्ज के बाद बवाल भड़का. इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी.
इस बीच प्रो. एके जोशी को चीफ प्रॉक्टर के पद से हटाकर प्रो. सतेंद्र सिंह को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है. इससे पूर्व शुक्रवार को आक्रोशित छात्रों ने जमकर उपद्रव किया था. उन्होंने चालकों के वाहनों से पेट्रोल निकाल कर उसका इस्तेमाल आगजनी में की.
पुलिस प्रशासन ने ब्रोचा और बिरला हॉस्टल की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए. हंगामे की सूचना पर जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी परिसर पहुंचे. ब्रोचा व बिड़ला सहित कई छात्रावासों को देर रात तक खाली करा लिया गया.
इधर, बीएचयू छात्र संघ बहाली का मामला दूसरे कॉलेजों तक पहुंचने के बाद हरिशचंद्र डिग्री कॉलेज के छात्र भी पुलिस लाठीचार्ज और हमले के खिलाफ लामबंद हुए. छात्र नेताओं ने मैदागिन चौराहे के पास बीएचयू के कुलपति राजीव संगल का पुतला फूंका.
छात्र नेता अनिल सिंह ने बताया कि बीएचयू प्रशासन अपने फायदे के लिए राजनीति के तहत छात्रों को आपस में लड़ा रही है. उन्होंने कुलपति राजीव संगल को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की. छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि संगल को हटाया नहीं गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.