बिहार बोर्ड के इंटर के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए थे. नतीजों की घोषणा के तुरंत बाद ही रिजल्ट पर विवाद शुरू हो गया. सबसे पहले इस बात पर विवाद हुआ कि बिहार बोर्ड के 64 फ़ीसदी छात्र परीक्षा में फेल हो गए और फिर विवाद हुआ आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार को लेकर.
कौन है गणेश कुमार
गणेश कुमार झारखंड के गिरीडीह का रहने वाला है, लेकिन इंटर की पढ़ाई करने के लिए वह 250 किलोमीटर दूर बिहार के समस्तीपुर पहुंचा. यहां उसने रामनंदन सिंह जगदीश नारायण कॉलेज में 2015 में दाखिला लिया. उसे इस साल 12वीं के रिजल्ट में म्यूजिक (प्रेक्टिकल) में 70 में से 65 अंक हासिल हुए हैं. जबकि म्यूजिक (थ्योरी) में 30 में से 18 अंक मिले हैं. उसे कुल 83 अंक मिले हैं और उसने राज्य में म्यूजिक में टॉप किया है.
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क्यों है विवाद
'आज तक' की टीम जब समस्तीपुर पहुंची तो वहां उसे गणेश का एडमिशन फॉर्म हाथ लगा. एडमिशन फॉर्म में कई खामियां थीं. जैसे गणेश ने एडमिशन फॉर्म में अपनी जन्म तिथि 2 जून 1993 दिखाई है, जिसका मतलब वह 24 साल का है. आमतौर पर इंटर की परीक्षा देने वाले छात्र की उम्र 17 से 19 साल के बीच होती है. गणेश ने इंटर कॉलेज में दाखिला किस दिन लिया, तारीख का जिक्र एडमिशन फॉर्म में नहीं है. लड़का होते हुए गणेश ने होम साइंस और म्यूजिक जैसे सब्जेक्ट को इंटर की पढ़ाई के दौरान चुना. गणेश के एडमिशन फॉर्म में स्थानीय पता नहीं बताया क्या है, हालांकि स्थाई पता गिरिडीह, झारखंड के रूप में लिखा हुआ है.
अब क्या बोला गणेश
इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में आखिरकार गणेश ने कहा है, 'मुझे संगीत के बारे में ज्यादा पता नहीं है. मैंने पिछले दो साल में कुछ ही म्यूजिक क्लासेज ली हैं. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं बिहार बोर्ड में टॉपर बन जाऊंगा'.
प्रिंसिपल ने दिया चौंकाने वाला बयान
जब इंडिया टुडे ने गणेश के कॉलेज प्रिंसिपल अनितेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने कहा, 'हमारे यहां हम किसी को 60 नंबर से कम नहीं देते हैं चाहे वो म्यूजिक में जैसा भी हो.'
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बिहार सरकार ने दी क्लीन चिट
वहीं बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने गणेश को क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने कहा है कि ऐसे कैंडिडेट जो फेल हुए हैं या जिनके कम नंबर आए हैं, उनके पेपर को दोबारा जांचने की आवश्यकता नहीं लग रही है.