खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर और गैरकानूनी व्यवसाय की वजह से बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड (BSEB) ने बीते मंगलवार 56 इंटरमीडिएट स्कूलों को फटकारा और शिक्षण में धांधली की वजह से उनकी मान्यता रद्द कर दी. बीते माह (अक्टूबर में) इन्हीं वजहों से 68 ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई थी.
आखिर क्या रही मान्यता छीनने की वजह?
इस वर्ष के रिजल्ट में हुई धांधली और टॉपर घोटाले के बाद राज्य ने पूरे सिस्टम की साफसफाई का निर्णय लिया था. तब 124 स्कूलों की मान्यता रद्द हुई थी और लगभग 212 स्कूलों को सुधरने की सख्त हिदायत दी गई थी.
बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर कहते हैं कि अथॉरिटी ने प्रदेश के तमाम स्कूलों में व्याप्त अव्यवस्था और उनके सही जवाब न देने पर ऐसे फैसले लिए हैं. जांच कमिटी की सिफारिश के बाद 21 कॉलेजों और स्कूलों की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जाएगी. वे आगे कहते हैं कि समय सीमा निर्धारित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे.
प्रदेश भर में ऐसे कई स्कूल हैं जिनसे जवाब मांगा गया है. छपरा के संत जलेश्वर अकादमी सीनियर सेकंडरी स्कूल, वैशाली का सियाराम हाई स्कूल को अपनी कमियों और गड़बड़ियों में सुधार करने के लिए 6 माह का समय दिया गया है. वहीं प्रदेश में अंतरिम रूप से निलंबित ऐसे 18 स्कूल हैं जिनकी ओर अब तक कोई जवाब नहीं आया है.