क्या 21 साल से पहले या जन्म लेने से पहले बी-एड की डिग्री प्राप्त की जा सकती है? यह भले ही हैरान करने वाला लगता हो, लेकिन बिहार में ऐसे 95 मामले सामने आए हैं.
सर्वोच्च न्यायालय के 2010 के आदेश के अनुसार राज्य सरकार ने 2011-12 के बीच 34,450 शिक्षकों की बहाली की थी. लेकिन उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद शिक्षा विभाग को ऐसे कई शिकायत मिलीं, जिसमें शिक्षकों ने फर्जी डिग्री लेते हुए नियुक्तियां पाई थी.
एक अधिकारी ने बताया, 'इसे देखते हुए जांच के आदेश दिए गए थें जिसने हमें हैरान कर दिया, इस जांच में पाया गया कि 95 शिक्षकों ने बी.एड की डिग्री 21 साल पूरे होने से पहले या फिर उनके जन्म लेने से पहले ही पा ली थी.'
मधेपुरा जिले के एक स्कूल में शिवनारायण यादव ने शिक्षक के रूप में नियुक्ति पाई थी. उनके आयु प्रमाण पत्र के अनुसार उन्होंने बी.एड उनके जन्म लेने के पांच साल पहले ही कर लिया था. पूर्वी चंपारण की एक अन्य शिक्षिका प्रीति कुमारी ने अपने जन्म से तीन साल पहले ही बी.एड की डिग्री प्राप्त कर ली थी.
इसी तरह सारण और सहरसा जिले के शिक्षकों इंदु कुमारी और एल.बी.सिंह को भी बी.एड की डिग्री उनके जन्म के सात साल पहले मिल गई थी.
बिहार के प्राथमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक आर.पी.सिंह ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि जिन्होंने फर्जी डिग्री के साथ नौकरी पाई थी, उन्हें निष्कासित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा, 'विभाग यह देखकर हैरान रह गया कि उन्होंने शिक्षक की नौकरी के लिए फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया.'
पिछले महीने बिहार के शिक्षा मंक्षी बृषण पटेल ने कहा था कि करीब 1,000 अनुबंध शिक्षकों ने सरकारी स्कूल की नौकरी के लिए फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया है.
राज्य सरकार ने साल 2006 और 2011 के बीच पहली से 12 कक्षा के लिए 1,42,000 शिक्षकों की बहाली की थी.