पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जयपुर में 16 जुलाई को दोपहर भोजन कार्यक्रम का निरीक्षण करने के लिए गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) द्वारा चालित उस एक रसोई का दौरा किया, जो मिड-डे मील योजना के तहत देशभर में रोजाना 10 लाख से अधिक स्कूली बच्चों को भोजन करती है.
अक्षय पत्र फाउंडेशन द्वारा संचालित यहां की रसोई नॉर्थ इंडिया की सबसे बड़ी रसोई है. इस योजना के तहत जयपुर जिले में 1,100 सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 1.25 लाख स्कूली बच्चों सहित करीब 1.5 लाख बच्चों को रोजाना भोजन उपलब्ध कराती है.
पीले रंग की हाफ शर्ट और खाकी पैंट में पहुंचे क्लिंटन का स्वागत विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने हाथ में अमेरिका और भारत के झंडे के साथ किया. क्लिंटन का यह जयपुर का तीसरा दौरा है.
अक्षय पत्र फाउंडेशन के अध्यक्ष मधु पंडित दासा ने कहा, 'क्लिंटन ने जहां रोटी और दाल बन रही थी और जहां दालों की सफाई और उनका भंडारण किया गया, उन जगहों का दौरा किया. उन्होंने चावल साफ करने वाली मशीन भी देखी और इससे काफी प्रभावित हुए.'
उन्होंने कहा कि क्लिंटन रोटी बनाने वाली मशीन से काफी प्रभावित हुए. यही नहीं, वह हैरान थे कि कैसे मिड-डे मिल वक्त पर सभी स्कूलों में पहुंच जाता है.
छात्र सुभाष सैनी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने स्कूल में देखकर खुश था. उसने कहा, 'ओह, यह सच में बढ़िया था. वह हमारे स्कूल आए और हमें खाना भी परोसा, यह अद्भुत था.'
अक्षय पत्र फाउंडेशन 20 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और चार हजार दिहाड़ी मजदूरों को भी 40 स्थानों पर पांच रुपये में भोजन उपलब्ध कराती है.